प्रदूषण से हर साल 10% बढ़ रहे अस्थमा के मरीज

पटना : शहर की आबोहवा लगातार जहरीली होती जा रही है. बीते एक साल में शहरी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर करीब 15 फीसदी बढ़ गया है, जबकि अस्थमा के मरीजों की संख्या में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इसके अलावा स्कूल जानेवाले बच्चे भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. सरकारी और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2017 7:42 AM
पटना : शहर की आबोहवा लगातार जहरीली होती जा रही है. बीते एक साल में शहरी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर करीब 15 फीसदी बढ़ गया है, जबकि अस्थमा के मरीजों की संख्या में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इसके अलावा स्कूल जानेवाले बच्चे भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं.
सरकारी और निजी अस्पतालों में अस्थमा के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पीएमसीएच के छाती रोग विशेषज्ञ व सर्जन डॉक्टर सुभाष चंद्र झा के मुताबिक अगर प्रदूषण को रोका न गया, तो संख्या लगातार बढ़ेगी. डॉ सुभाष झा ने बताया कि अकेले पीएमसीएच में 20 ऐसे मरीज रोज आते हैं, जिन्हें अस्थमा की शिकायत होती है. यानी हर महीने 600 मरीज अस्थमा रोग के आते हैं. ऐसे में लोगों का भी जागरूक होना जरूरी है.
आठ फीसदी बच्चे हैं अस्थमा के शिकार : पीएमसीएच अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ पवन कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रदूषण का असर पटना में रहनेवालों पर पड़ रहा है. बीते एक साल में अस्थमा के मरीजों में बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है. उन्होंने इसकी सबसे बड़ी वजह शहरी क्षेत्र में कम हो रही हरियाली और बढ़ते प्रदूषण को बताया है. डॉ पवन ने बताया कि हाल ही में लिये गये आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में करीब आठ फीसदी ऐसे बच्चे हैं, जो अस्थमा के शिकार हैं.
सूखी खांसी भी अस्थमा का लक्षण : सांस फूलने के साथ ही सूखी खांसी भी अस्थमा का लक्षण है. डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि सूखी खांसी आना भी इसका संकेत है. यह खांसी खास तौर पर देर रात में आती है. इस दौरान खांसते-खांसते बच्चों का दम फूल जाता है. उन्हें उलटी तक हो जाती है.
आयुर्वेद से अस्थमा रोग का इलाज संभव : सांस लेने में परेशानी या कठिनाई महसूस होने को श्वास रोग कहते हैं. यह कहना है राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं अस्पताल के प्रो निदेश्वर प्रसाद का. अस्थमा डे के मौके पर आयुर्वेद महाविद्यालय में श्वास रोग पर आयुर्वेद चिकित्सा एवं प्रभाव विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें उन्होंने बताया कि दमा को पूर्ण रूप से ठीक करने हेतु प्राणायाम का अभ्यास जहां सर्वोत्तम है.
वहीं अदरक के रस में शहद मिला कर चाटने से श्वास, खांसी व जुकाम में लाभ होता है. इसके अलावा प्याज़ का रस, अदरक का रस, तुलसी के पत्तों का रस व शहद आदि इसमें लाभकारी हैं. इस मौके पर काफी संख्या में लोग मौजूद थे.

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