आवासीय इलाके के मोबाइल टावर पर क्या हुई कार्रवाई, कोर्ट को बताएं

पटना और इसके आसपास के जिलों में किये जा रहे बालू उत्खनन को लेकर हाइकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी पटना : पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह चार सप्ताह में कोर्ट को बताये कि राज्य में मोबाइल टावरों को रिहायशी इलाके में नियमानुसार खास दूरी पर ही लगाये जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2017 8:06 AM
पटना और इसके आसपास के जिलों में किये जा रहे बालू उत्खनन को लेकर हाइकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह चार सप्ताह में कोर्ट को बताये कि राज्य में मोबाइल टावरों को रिहायशी इलाके में नियमानुसार खास दूरी पर ही लगाये जाने को लेकर क्या कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह ने मनीष कुमार की जनहित याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश दिया.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनके घर के पास मुजफ्फरपुर शहर में बिल्कुल रिहायशी इलाके में मोबाइल टावर लगा दिया गया है. इससे नागरिकों को कैंसर और कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
बस मालिकों से अधिक राशि वसूलने की मांगी रिपोर्ट :
पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को नवादा के जिलाधिकारी एवं डीडीसी-कम-चीफ
अफसर, जिला परिषद नवादा, को आदेश दिया है कि वे जिला परिषद द्वारा निविदा पर दिये गये बस स्टैंड की स्थापना होने के बाद बस मालिकों से छह गुना अधिक वसूले जाने के विषय में जांच कर कार्रवाई करे. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह ने यह आदेश नवादा जिला परिवहन संघ की रिट याचिका पर सुनवाई के बाद दिया.
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य के खनिज एवं भूतत्व विभाग को पटना और इसके आसपास के जिलों में किये जा रहे बालू उत्खनन को लेकर रिपोर्ट मांगी है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की खंडपीठ ने सुनील कुमार सिंह एवं बालू के अधिकृत व्यापारियों की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है.
राज्य सरकार के वकील अशोक कुमार ने कोर्ट के निर्देशानुसार पटना के डीआइजी शालीन द्वारा पटना, मनेर एवं आरा में किये गये बालू उत्खनन की रिपोर्ट को सील कवर में कोर्ट में प्रस्तुत किया. न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने पूर्व डीआइजी शालीन को यह आदेश दिया था कि वह पटना एवं उसके आसपास के जिलों में कथित बालू घोटाले की जांच कर हाइकोर्ट को रिपोर्ट पेश करें.
इसके बाद जब बालू उत्खनन के लाइसेंस्ड व्यापारी ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि वे बालू उत्खनन खनिज एवं भूतत्व विभाग के द्वारा दिये गये लाइसेंस के अनुसार बालू उत्खनन कर रहे हैं. खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी. तत्पश्चात सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि खंडपीठ की रोक के पहले ही डीआइजी शालीन ने जांच की रिपोर्ट तैयार कर ली थी. इस पर खंडपीठ ने आदेश दिया था कि उसे सील कवर में कोर्ट में प्रस्तुत किया जाये.

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