पटना : जेल में बंद राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बीच बातचीत का ऑडियो एक निजी न्यूज चैनल पर जारी होने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. इस पर शनिवार की देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर डीजीपी पीके ठाकुर और जेल आइजी आनंद किशोर समेत अन्य अधिकारियों को तलब किया. अधिकारियों को टेप प्रकरण की छानबीन करने और इससे जुड़ी सभी सच्चाई का पता लगाने के लिए कहा गया है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गयी है.
जानकारी के अनुसार जेल निदेशालय और पुलिस महकमा संयुक्त रूप से टेप प्रकरण के मामले की छानबीन करेगा. इस मामले से जुड़े सभी अहम पहलुओं की जांच की जायेगी. इसमें सबस अहम है, यह टेप कहां से और कैसे लीक हुआ. इसे कब और किसने रिकॉर्ड किया. इस तरह के सभी सवालों पर जांच शुरू हो गयी है. मो. शहाबुद्दीन को जेल में दरबार लगाने समेत अन्य सुविधाएं देने के मामले में तत्कालीन सीवान जेलर समेत अन्य दोषी जेल कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है. इस मामले में जेलर पर विभागीय कार्रवाई भी चल रही है. टेप प्रकरण लीक होने के बाद यह देखा जायेगा कि ये टेप उसी जेलर के कार्यकाल के हैं या इसके बाद के हैं. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
कर्मचारी उपेंद्र के मोबाइल पर फाेन किया
आडियो टेप में लालू प्रसाद की आवाज आती है कि क्या वहां कुछ हुआ है. इस पर शहाबुद्दीन का जवाब है कि यहां पर रामनवमी को लेकर प्रशासन की तैयारी नहीं है. पता चला है कि कहीं फायरिंग हुई है. इस पर लालू प्रसाद पूछते हैं कि पुलिस ने क्या किया. वहीं शहाबुद्दीन ने लालू से सीवान के एसपी के बारे में शिकायती लहजे में कहा कि खत्म (बेकार) है भाई आपका एसपी. समाचार चैनल का दावा है कि 15 अप्रैल, 2016 को शहाबुद्दीन ने लालू प्रसाद के आवास पर तैनात कर्मचारी उपेंद्र के मोबाइल पर फाेन किया.
एक अन्य टेप जारी हुआ है जिसमें शहाबुद्दीन को उनके समर्थक द्वारा एसडीओ से हुई बातचीत की जानकारी दी गयी है. इसमें शहाबुद्दीन को उस अधिकारी को देख लेने की बात सुनायी गयी है.
लालू प्रसाद और शहाबुद्दीन के बीच कथित बातचीत का अंश
उपेंद्र से शहाबुद्दीन ने पूछा कहां बाड़ें, उपेंद्र फोन ले जाकर लालू प्रसाद को देते हैं.
शहाबुद्दीन : प्रणाम,
लालू प्रसाद: प्रणाम, बोलअ,
शहाबुद्दीन: जरा सीवान के खबर-ओबर ले लेम.
लालू : सीवान से मीरगंज के खबर सुननी हअ.
शहाबुद्दीन: सीवान में ज्यादा बा. ओह दिनों हम छाता के बारे में बतोवले रहीं, ओह दिन. एकनिये के गलती रहे. आज नवमी रहलक ह, पुलिस के डिप्टेशन करे के चाहीं.
लालू : नहीं किया था.
शहाबुद्दीन : हां, गोली चलाइले बा, पुलिस नइखे तैनात.
लालू प्रसाद : कुछ नहीं किया है, आज कुछ हुआ है,
शहाबुद्दीन : हां, हमको तो लगता है कि गोली -ओली भी कुछ चली है.
लालू प्रसाद : कहां पर.
शहाबुद्दीन : नवलपुर में त इंटा- पत्थर चलअ ता. विधायक जी बात कर रहे थे तो पता चला कि कहीं गोली चली है.
लालू : पुलिस तैनात नहीं किया है.
शहाबुद्दीन : नहीं, खत्म है भाई एसपी आपका. इ सबको हटाइये ना. इ सब दंगा करा देगा यहां.
लालू प्रसाद : अरे.जरा एसपी को लगाओ तो
टेप प्रकरण पर उठते सवाल
क्या यह टेप सर्विलांस पर था, जब इसे रिकॉर्ड किया गया. अगर ऐसा है, तो फिर यह लीक कहां से हुआ. इसके लीकेज के तीन प्वाइंट समझे जा रहे हैं. पहला, विशेष शाखा दूसरा, आइबी और तीसरा, सर्विलांस के दौरान हुई रिकॉर्डिंग के बाद. हालांकि यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि यह टेप लीक कहां से हुआ.
तीन टेप में तीन लोगों से बातचीत
तीन तरह के टेप लीक हुए हैं और तीनों में अलग-अलग लोगों से बातचीत है. ये तीनों बातचीत अलग-अलग समय की भी है. एक में राजद प्रमुख से बातचीत है, जो पिछले साल रामनवमी की घटना के दौरान की है. इसमें वह सीवान के एसपी को बेकार बताते हुए उसकी लापरवाही के कारण दंगा होने की आशंका जतायी जा रही है.
साथ ही उसे हटाने की पैरवी भी वह कर रहा है. दूसरे टेप में उसकी बातचीत एक शराब माफिया से हो रही है. तीसरा टेप उसके ड्राइवर का है, जिसमें उसका ड्राइवर बीडीओ की शिकायत करते हुए कहा रहा है कि बोलेरो गाड़ी नहीं छोड़ रहा है. इस पर शहाबुद्दीन गुस्से अंदाज में बीडीओ को सबक सिखाने की धमकी दे रहा है. इन सभी टेप की जांच होगी.
प्रतिक्रियाएं…
अब यह प्रमाणित हो गया है कि अपराधियों के निर्देश पर बिहार सरकार चल रही है. लालू पर आपराधिक मुकदमा चले.
(सुशील मोदी, पूर्व उपमुख्यमंत्री)
लालू प्रसाद पर आरोप लगाने के लिए विपक्ष भले ही मेहनत करता हो, लेकिन वह एक छोटी सी प्रतिक्रिया से सभी को छूमंतर कर देते हैं.
(तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री)
चैनल पहले तो यह बताये कि शहाबुद्दीन के साथ तिहाड़ जेल में बंद होने के बाद बातचीत की गयी है या सीवान जेल में.
(जगदानंद सिंह, राजद नेता)
अपराधियों को संरक्षण देने के लिए ही लालू जाने जाते हैं. इसी वजह से 90 के दशक में बिहार में जंगलराज कहलाता था.
(चिराग पासवान, सांसद, लोजपा)