अब बनेगी एसेट्स मैनेजमेंट पॉलिसी
ग्रामीण कार्य विभाग अगले 25 साल को ध्यान में रखकर पॉलिसी बनायेगा. पीएमजीएसवाइ में केंद्र सरकार 60 फीसदी राशि देती है, 40 फीसदी राशि राज्य को लगानी होती है. पिछले साल से ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना शुरू हुई है. दीपक कुमार मिश्रा पटना : ग्रामीण कार्य विभाग मेंटनेंस पॉलिसी की तरह एसेट्स मैनेजमेंट पॉलिसी […]
ग्रामीण कार्य विभाग अगले 25 साल को ध्यान में रखकर पॉलिसी बनायेगा. पीएमजीएसवाइ में केंद्र सरकार 60 फीसदी राशि देती है, 40 फीसदी राशि राज्य को लगानी होती है. पिछले साल से ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना शुरू हुई है.
दीपक कुमार मिश्रा
पटना : ग्रामीण कार्य विभाग मेंटनेंस पॉलिसी की तरह एसेट्स मैनेजमेंट पॉलिसी बनायेगा. विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. एक माह के भीतर बनकर यह तैयार हो जायेगा. फिर से कैबिनेट में रखा जायेगा.
विभाग सड़क के देखभाल और उसके अपग्रेडेशन को लेकर अगले 25 साल को ध्यान में रखकर यह पॉलिसी बनायेगा. पॉलिसी ओटो मोड में सिंगल विंडों सिस्टम की तरह होगा. ग्रामीण कार्य विभाग के पास करीब 1.29 लाख किलोमीटर सड़क है. विभाग मुख्यत: प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क का निर्माण कराता है. पिछले साल से ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना शुरू हुई है.
सरकार ने अगले चार साल में राज्य के सभी बसावटों में बारहमासी सड़क पहुंचाने का लक्ष्य तय कर रखा है. पीएमजीएसवाइ में केंद्र सरकार 60 फीसदी राशि देती है 40 फीसदी राशि राज्य को लगाना है. एमएमजीएसवाइ और जीटीएसएनवाइ का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाती है. विभागीय सूत्रों के अनुसार पालिसी तैयार होने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जायेगा. उम्मीद है कि अगले महीने एसेट्स मैनेजमेंट पॉलिसी को कैबिनेट के समक्ष रखा जायेगा.
एसेट्स मैनेजमेंट पॉलिसी में सड़कों की रैकिंग की व्यवस्था रहेगी. इसमें सड़कों की प्राथमिकता तय होगी और उसकी प्रमुखता के साथ सड़कों की देखभाल होगी. विभाग जिला सड़कों, रेलवे स्टेशन और अस्पताल, थाना. विभिन्न सरकारी कार्यालयों को जोड़नेवाली सड़कों के साथ-साथ सामान्य ग्रामीण सड़कों की प्रमुखता तय करेगा. इसी रेकिंग के आधार पर भविष्य में सड़कों की मरम्मती और अपग्रेडेशन होगा. अगले 25 साल को ध्यान में रखकर पॉलिसी बनायी जा रही है. इसमें इस बात की जानकारी रहेगी कि कब कौन सी सड़क की मरम्मत होनी है.
कब किसका अपग्रेडेशन होना है. विभाग के पास सड़कों का जो डाटाबेस है उसी आधार पर पॉलिसी बनायी जा रही है. सड़क रखरखाव और अपग्रेडेशन पर कितना खर्च आयेगा इसका भी आकलन एसेट्स मैनेजमेंट पॉलिसी में होगा. एक मोटे अनुमान के अनुसार अगले 25 साल में सड़क रखरखाव पर 50 हजार करोड़ खर्च होगा. प्राकृतिक आपदा के कारण अगर सड़क को नुकसान पहुंचता है तो उसकी कैसे मरम्मत होगी उसका भी प्रावधान इसमें होगा.