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केंद्र के अनुरूप मिलेगा बिहार में राज्य कर्मियों को 7वां वेतनमान

पटना :बिहारके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय कर्मियों के तर्ज पर राज्य कर्मियों को सातवां वेतनमान का लाभ देने के लिए गठित ‘वेतन आयोग’ के साथ विशेष समीक्षा बैठक की. इस दौरान वेतन आयोग के अध्यक्ष समेत तीनों सदस्य मौजूद थे. राज्य कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ पूरी तरह से देने से संबंधित सभी […]

पटना :बिहारके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय कर्मियों के तर्ज पर राज्य कर्मियों को सातवां वेतनमान का लाभ देने के लिए गठित ‘वेतन आयोग’ के साथ विशेष समीक्षा बैठक की. इस दौरान वेतन आयोग के अध्यक्ष समेत तीनों सदस्य मौजूद थे. राज्य कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ पूरी तरह से देने से संबंधित सभी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया.

मुख्यमंत्री ने वेतन आयोग से कहा कि वह अपनी रिपोर्ट जल्द सौंप दें. इसके बाद यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगले सप्ताह या अधिकतम 15 मई तक आयोग अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप देगा. इसके बाद राज्य सरकार इसके तमाम पहलुओं पर समीक्षा करने के बाद इसे लागू कर देगी. यह भी तय हुआ कि केंद्रीय कर्मचारियों के सापेक्ष्य या अनुरूप ही राज्य सरकार के सभी नियमित कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का पूरी तरह से लाभ मिले. इसके अंतर्गत कर्मचारियों को उनके मूल वेतन में 2.57 से गुना करने पर जो परिणाम आयेगा, इसके आधार पर ही इन्हें सातवां वेतनमान में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा.
जनवरी 2017 में हुआ था गठन
केंद्र सरकार ने जनवरी 2016 से अपने कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ देने की घोषणा 2016 के मध्य में की थी. इसके बाद जनवरी 2017 में राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को इसका लाभ देने के लिए वेतन आयोग का गठन तीन महीने के लिए किया.
बाद में इसका कार्यकाल दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया. ताकि इसके सातवां वेतनमान के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद इसे राज्य में लागू किया जा सके. इस आयोग का अध्यक्ष सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी जीएस कंग को बनाया गया. वह राज्य के मुख्य सचिव भी रहे हैं. इसके अलावा दो आइएएस को इसका सदस्य बनाया गया, जिसमें वित्त विभाग के सचिव (व्यय) राहुल सिंह और ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव बिनय कुमार शामिल हैं.
यह लगभग तय माना जा रहा है कि राज्य कर्मचारियों को जनवरी 2016 से नोशनल (अनुमानित) का लाभ मिलेगा, लेकिन इन्हें आर्थिक लाभ जनवरी 2017 या इसके तीन महीने बाद से मिलेगा, इस मामले को लेकर अभी मंथन चल रहा है. एक संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि कर्मचारियों को आर्थिक लाभ चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 यानी अप्रैल महीने से भी दिया जा सकता है.
हालांकि आर्थिक लाभ के मुद्दे को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट सहमति नहीं बनी है और राज्य सरकार इसके सभी पहलुओं पर फिलहाल मंथन कर रही है. तमाम विचार-विमर्श के बाद ही इस मसले में कुछ स्पष्ट हो पायेगा.
इसके अलावा वेतन आयोग के समक्ष करीब 300 से ज्यादा कर्मचारी संगठनों और कुछ कर्मचारियों के आवेदन आये हैं. इसे लेकर भी रिपोर्ट तैयार की गयी है. साथ ही इनकी कुछ अहम अनुशंसाओं पर भी अमल किया गया है. इस पहलू पर भी बैठक के दौरान विस्तार से चर्चा हुई है.

सरकार सभी पहलुओं पर कर रही विचार
यह लगभग तय माना जा रहा है कि राज्य कर्मचारियों को जनवरी 2016 से नोशनल (अनुमानित) का लाभ मिलेगा, लेकिन इन्हें आर्थिक लाभ जनवरी 2017 या इसके तीन महीने बाद से मिलेगा, इस मामले को लेकर अभी मंथन चल रहा है. एक संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि कर्मचारियों को आर्थिक लाभ चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 यानी अप्रैल महीने से भी दिया जा सकता है. हालांकि आर्थिक लाभ के मुद्दे को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट सहमति नहीं बनी है और राज्य सरकार इसके सभी पहलुओं पर फिल हाल मंथन कर रही है.

तमाम विचार-विमर्श के बाद ही इस मसले में कुछ स्पष्ट हो पायेगा. इसके अलावा वेतन आयोग के समक्ष करीब 300 से ज्यादा कर्मचारी संगठनों और कुछ कर्मचारियों के आवेदन आये हैं. इसे लेकर भी रिपोर्ट तैयार की गयी है. साथ ही इनकी कुछ अहम अनुशंसाओं पर भी अमल किया गया है. इस पहलू पर भी बैठक के दौरान विस्तार से चर्चा हुई है.

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