पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद व उनके पार्टी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के तथाकथि टेप वायरल होने के बाद लालू समर्थक ट्वीटर पर सक्रिय हो गये हैं. इसमें उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी रिट्विट किया है. ट्वीट पर राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र को लोग टेप को बेबुनियादी और निराधार बता रहे हैं. किसी ने इसे सुपारी जर्नलिज्म बताया तो किसी ने लिखा कि लालू प्रसाद तूफानों से खेलना जानते हैं.
सुपारी पत्रकारिता का नया मुकाम @republic.रिपोर्टरमहोदय ने मेरी प्रतिक्रिया ली और चैनल ने चलायी नहीं. शायद उनके आका नाराज़ हो जाते.जय हिन्द
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) May 6, 2017
लालू जेपी की जिंदा कौम हैं जो लहरों के निमंत्रण को स्वीकार करते हैं. लालू लोहिया के उस गांठ को भी खोलते हैं जिसमें पिछड़ों को सौ में 60 मिलना है. उनके पास बुद्ध और बापू भी हैं. लालू प्रसाद भाजपाइयों के लिए बिहार में वह आग है जिस पर पानी डालो या घी दोनों बराबर है.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद ने अपने रिट्वीट में लिखा है कि लालू प्रसाद पर आरोप लगाने के लिए विपक्ष भले मेहनत करता हो लेकिन वह उसकी चिंता नहीं करते बल्कि एक छोटी सी प्रतिक्रिया से सबको छूमंतर कर देते हैं.
सीएम आवास पर पहुंचे जदयू नेता
उधर, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बीच बातचीत के टेप वाइरल होने के बाद शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर जदयू नेता पहुंचे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पार्टी नेताओं की मंत्रणा हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जदयू नेताओं को फिलहाल संयम बरतने की सलाह दी गयी है. मुख्यमंत्री से मिलने आये नेताओं में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक दल के उप नेता श्याम रजक, मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह, प्रवक्ता नीरज कुमार, नवल शर्मा और डॉ सुनील कुमार सिंह आदि नेता मौजूद थे.
जेल आइजी और पुलिस महकमा करेगा इससे जुड़े सभी पहलुओं पर जांच
राजद प्रमुख लालू प्रसाद और जेल में बंद मो. शहाबुद्दीन के बीच बातचीत से जुड़े टेप की जांच होगी. इस मामले को लेकर शनिवार की देर शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर डीजीपी पीके ठाकुर और जेल आइजी आनंद किशोर समेत अन्य अधिकारियों को तलब किया. अधिकारियों को टेप प्रकरण की छानबीन करने और इससे जुड़ी सभी सच्चाई का पता लगाने के लिए कहा गया है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी कहीं से कोई पुष्टि नहीं की गयी है.
जेल निदेशालय और पुलिस महकमा संयुक्त रूप से टेप प्रकरण के मामले की छानबीन करेगा. इस मामले से जुड़े सभी अहम पहलुओं की जांच की जायेगी. इसमें सबस अहम है, यह टेप कहां से और कैसे लीक हुआ. इसे कब और किसने रिकॉर्ड किया. इस तरह के सभी सवालों पर जांच शुरू हो गयी है.
टेप प्रकरण से जुड़े उठ रहे कई सवाल
इस टेप प्रकरण मामले से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल उठ रहे हैं. क्या यह टेप सर्विलांस पर था, जब इसे रिकॉर्ड किया गया. अगर ऐसा है, तो फिर यह लीक कहां से हुआ. इसके लीकेज के तीन प्वाइंट समझे जा रहे हैं. पहला, विशेष शाखा दूसरा, आइबी और तीसरा, सर्विलांस के दौरान हुई रिकॉर्डिंग के बाद. हालांकि यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि यह टेप लीक कहां से हुआ.
तत्कालीन जेलर पर हो चुकी कार्रवाई
मो. शहाबुद्दीन को जेल में दरबार लगाने समेत अन्य सुविधाएं देने के मामले में तत्कालीन सीवान जेलर समेत अन्य दोषी जेल कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है. इस मामले में जेलर पर विभागीय कार्रवाई भी चल रही है. टेप प्रकरण लीक होने के बाद यह देखा जायेगा कि ये टेप उसी जेलर के कार्यकाल के हैं या इसके बाद के हैं. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.