मंदिरी नाले पर सड़क के लिए डीपीआर 15 जून तक
बेहतर समन्वय व विभिन्न सड़कों को बेहतर रूप से एक-दूसरे के संपर्क में लाने के उद्देश्य से हुई बैठक पटना : प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने मंदिरी नाला के ऊपर सड़क निर्माण और अशोक राजपथ में संकरे स्थानों पर एलिवेटेड सड़क निर्माण के बिंदुओं पर विमर्श व समन्वय के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम, […]
बेहतर समन्वय व विभिन्न सड़कों को बेहतर रूप से एक-दूसरे के संपर्क में लाने के उद्देश्य से हुई बैठक
पटना : प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने मंदिरी नाला के ऊपर सड़क निर्माण और अशोक राजपथ में संकरे स्थानों पर एलिवेटेड सड़क निर्माण के बिंदुओं पर विमर्श व समन्वय के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम, पथ निर्माण निगम तथा बुडको के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. मंदिरी नाला के ऊपर लगभग 1.3 किमी की दूरी में फोर लेन सड़क का निर्माण प्रस्तावित है.
बुडको के परियोजना निदेशक को निर्देश दिया गया कि 15 जून तक मंदिरी नाला पर सड़क निर्माण की फाइनल डीपीआर तैयार कर देना सुनिश्चित करें. मंदिरी नाला के ऊपर प्रस्तावित सड़क बांस घाट काली मंदिर के समीप अशोक राजपथ में जाकर मिलेगी. अशोक राजपथ में भी कई स्थानों पर एलिवेटेड सड़क निर्माण प्रस्तावित है. गंगा एक्सप्रेस वे की शाखाएं भी एएन सिंहा इंस्टीट्यूट एवं एलसीटी घाट के समीप अशोक राजपथ में मिलेंगी. इन सभी पथों का निर्माण अलग-अलग एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है. इस कारण से बेहतर समन्वय तथा विभिन्न सड़कों को बेहतर रूप से एक-दूसरे के संपर्क में लाने के उद्देश्य से यह बैठक की गयी.
आयुक्त ने ये निर्देश दिये
बुडको के अभियंताओं ने पंप हाउस के ऊपर सड़क को एलिवेट करते हुए उसे अशोक राजपथ में जोड़ने के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट दी. रिपोर्ट के आधार पर पंप हाउस के ऊपर से सड़क को ले जाकर उसे अशोक राजपथ में मिलाना तकनीकी रूप से संभव नहीं है. इसलिए निर्देश दिया कि पंप हाउस के पहले सड़क में डायवरसन करते हुए अशोक राजपथ में मिलाना सुनिश्चित हो.
अंचलाधिकारी पटना सदर तथा परियोजना निदेशक बुडको को निर्देश दिया गया कि उपरोक्त के संबंध में स्थल निरीक्षण करें तथा डायवरसन के लिए सरकारी भूमि चिह्नित करते हुए सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करें.
जिन-जिन बिंदुओं पर गंगा
एक्सप्रेस वे अशोक राजपथ से मिल रही है तथा जिस स्थान पर मंदिरी नाला पर निर्मित सड़क अशोक राजपथ पर मिलेगी एक जंकशन प्वाइंट का विकास इस तरह किया जाये कि यातायात का परिचान सुचारू रहे और दुर्घटना की कोई भी आशंका न बने. वहीं आवश्यकतानुसार गोलंबर आदि बनाने की सलाह भी दी है.
समीक्षा के क्रम में आयुक्त द्वारा अशोक राजपथ में चिह्नित स्थानों पर एलिवेटेड सड़क बनाने के लिए डीपीआर एक माह के अंदर तैयार करने का निर्देश दिया है.