सिम के लिए आधार जरूरी करने पर केंद्र को नोटिस
पटना : पटना हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को मोबाइल सिम के लिए आधार कार्ड जरूरी किये जाने पर नोटिस जारी किया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह ने दिया है. गुरुवार को कोर्ट में मोबाइल सिम के लिए आधार कार्ड जरूरी किये जाने पर चुनौती दी गयी थी. याचिकाकर्ता अभिजीत […]
पटना : पटना हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को मोबाइल सिम के लिए आधार कार्ड जरूरी किये जाने पर नोटिस जारी किया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह ने दिया है. गुरुवार को कोर्ट में मोबाइल सिम के लिए आधार कार्ड जरूरी किये जाने पर चुनौती दी गयी थी. याचिकाकर्ता अभिजीत गौतम ने कहा कि आधार कार्ड बनाने के क्रम में फोटो के साथ फिंगर प्रिंट और आंखों की पुतली का फोटो रिकॉर्ड किया जाता है. आधार को मोबाइल फोन के सिम से जोड़ना संवैधानिक अधिकार का हनन है.
मिड डे मील में शिक्षकों की क्यों लगी है ड्यूटी
पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि मिड डे मील योजना में स्कूली शिक्षकों की ड्यूटी क्यों लगायी गयी है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस मसले पर जवाब देने को कहा. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया था कि मिड डे मील योजना का काम एनजीओ की बजाय स्कूली शिक्षकों से ही कराया जा रहा है.
क्यों नहीं हुआ स्टेट बार काउंसिल का चुनाव
हाइकोर्ट ने बार काउंसिल आॅफ इंडिया से पूछा है कि अब तक स्टेट बार काउंसिल का चुनाव क्यों नहीं कराया जा सका है. कोर्ट ने कहा कि वे इस बारे में हलफनाम दें.
तेजाब कांड : पूर्व सांसद की याचिका पर सुनवाई
पटना. पटना हाइकोर्ट में गुरुवार को तेजाब हत्याकांड में सीवान के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन की अपील याचिका पर सुनवाई शुरू हुई. न्यायमूर्ति केके मंडल एवं न्यायमूर्ति संजय कुमार की खंडपीठ ने पूर्व सांसद की अपील की सुनवाई शुरू की. इसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गयी है. जिला अदालत ने इसमें पूर्व सांसद को उम्रकैद की सजा सुनायी है.
कब तक बनेगा निचली अदालतों का भवन
पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार से यह बताने को कहा कि निचली अदालतों के भवन निर्माण का कार्य कब तक पूरा हो जायेगा. कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर यह जवाब देने को कहा कि राज्य के सभी जिलों में निचली अदालतों के भवन बनाने का कार्य अब तक कितना हुआ. यह आदेश वेटरन फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ की जनहित याचिका पर दिया गया. याचिका में कहा गया कि निचली अदालतों के भवन निर्माण में देरी होने से अदालती कार्रवाई में देरी होती है.