वैन से बॉक्स को किया गायब, परीक्षा केंद्र पर कम पहुंचे प्रश्नपत्र, परीक्षार्थियों को दिखाया गैरहाजिर!

पटना : राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के लिए केंद्राधीक्षक को बैंक से प्रश्नपत्र मिला. प्रश्नपत्र लेकर केंद्राधीक्षक सेंटर के लिए चले, लेकिन जितने प्रश्नपत्र लेकर वे बैंक से चले थे, उतने प्रश्नपत्र सेंटर पर नहीं पहुुंचे. सेंटर पर पहुंचने के पहले ही कुछ प्रश्नपत्र गायब कर दिये गये. यह सारा खेल परीक्षा के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2017 7:18 AM
पटना : राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के लिए केंद्राधीक्षक को बैंक से प्रश्नपत्र मिला. प्रश्नपत्र लेकर केंद्राधीक्षक सेंटर के लिए चले, लेकिन जितने प्रश्नपत्र लेकर वे बैंक से चले थे, उतने प्रश्नपत्र सेंटर पर नहीं पहुुंचे. सेंटर पर पहुंचने के पहले ही कुछ प्रश्नपत्र गायब कर दिये गये. यह सारा खेल परीक्षा के ठीक पहले पटना के कई सेंटरों पर हुआ.
उतने ही प्रश्नपत्र गायब किये गये, जितने परीक्षार्थियों की सेटिंग जिस सेंटर के लिए हुई थी. किसी सेंटर पर 50, तो किसी पर 100 परीक्षार्थियों की सेटिंग थी. वैन से बाॅक्स गायब करने के बाद उस सेंटर पर उन परीक्षार्थियों को परीक्षा देने से मना कर दिया गया. इसके बाद प्रश्नपत्र का उत्तर तैयार किया गया. केंद्राधीक्षक के साथ मिल कर परीक्षा खत्म होने के बाद उन प्रश्नपत्रों के बुकलेट को शामिल कर दिया गया.
एक बाॅक्स में 50 प्रश्नपत्र :
सीबीएसइ सूत्रों की मानें, तो प्रश्नपत्र बाॅक्स में रखे जाते हैं. यह बाॅक्स पूरी तरह से सील रहता है. जिन सेंटरों पर जितने परीक्षार्थियों की संख्या होती है, उसी के अनुसार प्रश्नपत्र भेजे जाते हैं. परीक्षार्थियों की संख्या की सूची केंद्राधीक्षक सिटी को-ऑर्डिनेटर को दिखाते हैं, इसके बाद उतने बॉक्स उन्हें उपलब्ध कराये जाते हैं.
600 से 1200 तक परीक्षार्थी थे सेंटरों पर
पटना में नीट के लिए 32 सेंटर बनाये गये थे. इन पर 600 से 1200 परीक्षार्थी थे. अधिकतर सेंटरों पर 50 से 100 परीक्षार्थियों के लिए सेटिंग की गयी थी, जो परीक्षा के दौरान अनुपस्थित थे. उन सेंटराें पर सेटर और केंद्राधीक्षक के बीच पहले से सेटिंग हो चुकी थी. तीन घंटे के लिए परीक्षार्थियों को अनुपस्थित किया गया.
परीक्षार्थी : आपने कहा कि परीक्षा में शामिल नहीं होना है. परीक्षा में शामिल हुए बिना कैसे पास करेंगे?
सेटर : जैसा कहता हूं, आप वही कीजिए. आप आराम कीजिए. आपके प्रश्नपत्र हमारे पास रहेंगे. परीक्षा के बाद आपका उत्तरवाला ओएमआर शीट सेंटर पर जमा हो जायेगा.
परीक्षार्थी : कैसे होगा ये सब, मुझे नहीं पता है. आपके पास प्रश्नपत्र कैसे आयेगा?
सेटर : बैंक से जब प्रश्नपत्र सेंटर पर जायेगा, उसी दौरान हम बाॅक्स बदल देंगे.
परीक्षार्थी : अाप बाॅक्स को कैसे बदलेंगे?
सेटर : केंद्राधीक्षकों से हमारी बातें हो चुकी हैं. रास्ते में 10 सेकेंड के लिए गाड़ी रुकेगी. हम उसी में बाॅक्स बदल लेंगे.
परीक्षार्थी : अगर आप बाॅक्स नहीं बदल पायेंगे, तो फिर क्या होगा मेरा?
सेटर : अगर बाॅक्स नहीं बदल पायेंगे, तो आपको परीक्षा शुरू होने के एक घंटा पहले ही उत्तर मिल जायेंगे.
परीक्षार्थी : परीक्षा में नहीं बैठे, तो अबसेंट हो जायेंगे. फिर कैसे रिजल्ट में नाम आयेगा?
सेटर : कागज पर कुछ देर के लिए ही अबसेंट होंगे. बुकलेट जाने के बाद अटेंडेंस बन जायेगा.
प्रभात खबर इस रेकाॅिडंग की पुिष्ट नहीं करता है.
बीसीइसीइ ने जिसे पांच साल के लिए किया प्रतिबंधित उसे अगले ही साल पीएमसीएच में दिलाया एडमिशन
रिंकू झा
पटना : मेडिकल प्रवेश परीक्षा में ही सेटिंग का खेल नहीं होता है, जबकि परीक्षा से लेकर नामांकन तक यह खेल चलता है. जिस परीक्षार्थी पर परीक्षा के दौरान ब्लू टूथ से नकल करने के आरोप में प्राथमिकी होती है और उस पर पांच साल के लिए कोई भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा देने पर पाबंदी लगा दी जाती है, वही अगले ही साल परीक्षा देकर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवा लेता है.
यह बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीइसीइ) में हुआ है. परीक्षार्थी अमरेश कुमार 2015 में बीसीइसीइ की मुख्य परीक्षा में ब्लू टूथ से नकल करते हुए पकड़ा गया था. बीसीइसीइ ने उस पर प्राथमिकी दर्ज करवायी और पांच साल के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा देने पर पाबंदी लगा दी. लेकिन, अगले ही साल (2016 में) वह नीट में शामिल हुआ और इसमें पास करने के बाद 85% स्टेट कोटे के अंतर्गत पीएमसीएच में नामांकन ले लिया. फिलहाल अमरेश कुमार पीएमसीएच में एमबीबीएस का द्वितीय वर्ष का छात्र है.
– हस्ताक्षर और फोटो बदल कर दिया नीट
अमरेश 2016 में अपने हस्ताक्षर और फोटो बदल कर नीट में शामिल हुआ. उसका रजिस्ट्रेशन नंबर 7567810 और यूजी आइडी 7009780 था. उसका रौल नंबर 64000254 था, जबकि ऑल इंडिया रैंक 23460 था. एससी केटेगरी के परीक्षार्थी अमरेश काे नीट में कुल अंक 437 मिले थे और परसेंटाइल 96.748598 था. ऑल इंडिया रैंक के अलावा स्टेट रैंक काउंसेलिंग में जेनरल केटेगरी में उसका 1687वां और एससी केटेगरी में आठवां रैंक था. यह सारी जानकारी सीबीएसइ की ओर से जारी ऑल इंडिया रैंक से ली गयी है.
– दो जगहों पर दो तरह के हस्ताक्षर
रूपसपुर थाने में अमरेश कुमार से थानाध्यक्ष ने हस्ताक्षर लिये थे और नीट के परीक्षा फाॅर्म में जो उसके हस्ताक्षर हैं, उन दोनों में अंतर है. इसके साथ ही अमरेश कुमार ने अपने फोटो को भी बदल दिया था. ये सारी जानकारियां बीसीइसीइ के पास थीं, इसके बावजूद बीसीइसीइ ने काउंसेलिंग की और एडमिशन लिया.
– लेन-देन कर स्टेट कोटे में लिया था नामांकन
नीट में सफल होने के बाद ऑल इंडिया रैंक में अच्छे अंक आने के बावजूद अमरेश कुमार ने स्टेट कोटे में एडमिशन लिया था. बीसीइसीइ सूत्रों की मानें, तो उसने बीसीइसीइ के साथ दो लाख रुपये की डिलिंग की थी. इसके बाद स्टेट कोटे के तहत काउंसेलिंग में शामिल हुआ था.
– अमरेश कुमार के साथ चार अन्य पर भी हुई थी प्राथमिकी
बीसीइसीइ की मुख्य परीक्षा के दौरान ब्लू टूथ से परीक्षा देते हुए अमरेश समेत पांच परीक्षार्थी पकड़े गये थे. 17 मई, 2015 को रूपसपुर थाने में इन पांचों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
साथ ही इन पांचों को पांच साल के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा देने पर पाबंदी भी बीसीइसीइ ने लगा दी थी. अमरेश कुमार का रौल नंबर 206653 था. आरपीएस महिला कॉलेज के रूम नंबर नौ में परीक्षा दी थी. पांच साल के पाबंदी को लेकर बीसीइसीइ ने एक नोटिफिकेशन निकाला था. इस नोटिफिकेशन को देश भर के मेडिकल प्रवेश परीक्षा लेनेवाली सभी एजेंसियों को भेजा भी गया था. इसमें सीबीएसइ भी शामिल है.
– हाइकोर्ट में चला था केस
अमरेश कुमार के पीएमसीएच में नामांकन लेने का विरोध कुछ परीक्षार्थियों ने किया था. वे हाइकोर्ट भी गये थे. कई महीने में हाइकोर्ट में केस भी चला था. केस नंबर सीडब्ल्यूजेसी 8992/2015 को एसआइटी को दिया गया था.
फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए ये सारे हैं बीसीइसीइ के नियम
– हस्ताक्षर का मिलान
– सारे प्रमाणपत्र देखे जाते हैं
– फिजिकल वेरिफिकेशन
– फोटो का मिलान
– बायोमीटरिक करवाया जाता है
इन पर 2015 में हुई थी प्राथमिकी, लगी थी पाबंदी
नाम रौल नंबर
1 अमरेश कुमार 206653
2 कुमारी मधु 206695
3़ सीमा प्रवीण 206709
4़ प्रीति सागर 301989
5़ प्रभात रंजन 206674
बीसीइसीइ के चैयरमैन ने कहा, हमें जानकारी दें
पूरे प्रकरण की जानकारी बीसीइसीइ को नहीं है. जब बीसीइसीइ के चेयरमैन त्रिपुरारि शरण से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से काउंसेलिंग में पूरी एहतियात बरती जाती है. अगर किसी ने फ्रॉडगिरी कर एडमिशन ले लिया और इसकी जानकारी आपके पास है, तो डिटेल्स के साथ हमें उपलब्ध कराएं. उसकी जांच करा कर विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी.
वहीं, बीसीइसीइ के ओएसडी अनिल कुमार ने कहा कि 2015 में पांच परीक्षार्थियों को परीक्षा में ब्लू टूथ से नकल करते हुए पकड़ा गया था और उन पर पांच साल की पाबंदी लगायी गयी थी.
सीबीएसइ पर भी सवाल
अमरेश 2015 में बीसीइसीइ के मेंस में नकल करते पकड़ाया
बीसीइसीइ ने दर्ज करायी प्राथमिकी, लगाया प्रतिबंध
2016 में अमरेश ने हस्ताक्षर व फोटो बदल कर दिया नीट
पास होने पर स्टेट कोटे से पीएमसीएच में लिया एडमिशन

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