पटना/नयी दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अगले राष्ट्रपति के नाम पर आम-सहमति बनाने की वकालत करते हुए सुझाव दिया कि भाजपा को राजनीतिक दलों के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए. वह प्रणब मुखर्जी को दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के पक्षधर दिखे. हालांकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने दूसरे कार्यकाल के लिए मुखर्जी को समर्थन देने के मुद्दे पर केवल इतना कहा, ‘‘इस बारे में निर्णय सत्तारुढ पार्टी को करना है.’
जदयू अध्यक्ष नीतीश ने कहा कि आम-सहमति से मुखर्जी के पुन: चुनाव से एक अच्छी मिसाल कायम होगी. लेकिन उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्तारुढ पार्टी को सभी दलों को साथ लेकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के बारे में फैसला करना है. पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो इस मामले में सत्ताधारी दलों को सर्वानुमति बनानी चाहिए, अगर वे ऐसा नहीं कर पाए तो विपक्ष का दायित्व बनता है कि वे आपस में बातचीत कर अपना उम्मीदवार खड़ा करे.
उन्होंने कहा कि पहले तो केंद्र सरकार का फर्ज बनता है कि वह पहल करे और अब तक के जो उदाहरण हैं, उनमें केंद्र में सत्ता में बैठे लोगों को पहल करनी चाहिए तथा सभी दलों से बातचीत करनी चाहिए. कांग्रेस और वामपंथी दलों समेत कई विपक्षी दल राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार उतारने की संभावना पर बातचीत कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी कल राष्ट्रीय राजधानी में बैठक कर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर सकते हैं.
ममता आज शाम दिल्ली पहुंचीं और वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात कर सकती हैं. कांग्रेस की ब्रीफिंग में पार्टी प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि संयुक्त उम्मीदवाद उतारने के लिए विपक्षी दलों के बीच आम-सहमति बनेगी.
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नीतीश कुमार के सुझाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में निर्णय सत्तारुढ पार्टी को करना है.’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जहां तक संयुक्त विपक्ष की बात है तो कई सिफारिशें होंगी और इन पर बातचीत करनी होगी.’ माकपा के सूत्रों ने कहा कि विपक्ष के प्रणब मुखर्जी को दूसरे कार्यकाल के लिए समर्थन देने की संभावना इस बात पर निर्भर करेगी कि सत्तारुढ पक्ष और विपक्ष एकमत हों.
माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘इसके अलावा मुखर्जी का भी सहमत होना जरुरी है.’ राष्ट्रपति चुनाव जुलाई में होंगे. सूत्रों के मुताबिक संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और जदयू अध्यक्ष शरद यादव के नाम चल रहे हैं.
इस बीच पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनकी ममता बनर्जी से प्रस्तावित मुलाकात पर विरोध के स्वर उठाये हैं.