आखिर लालू प्रसाद यादव ने क्यों किया एलायंस पार्टनर मुबारक वाला ट्वीट?
पटना : आम तौर पर जनता के बीच से राजनीतिक संदेश देने वाले लालू प्रसादयादव सोशल मीडिया के माध्यम से भी बड़े राजनीतिक संकेत देने में माहिर होगये हैं. उन्होंने आज कुछऐसे ट्वीट कियेजिससेबिहार ही नहीं देश का राजनीतिक तापमानएकाएकबढ़ गया.लालूप्रसाद यादव ने अपने परिवार के ठिकानों परआयकर विभाग द्वारा मारे गये छापे के बाद […]
पटना : आम तौर पर जनता के बीच से राजनीतिक संदेश देने वाले लालू प्रसादयादव सोशल मीडिया के माध्यम से भी बड़े राजनीतिक संकेत देने में माहिर होगये हैं. उन्होंने आज कुछऐसे ट्वीट कियेजिससेबिहार ही नहीं देश का राजनीतिक तापमानएकाएकबढ़ गया.लालूप्रसाद यादव ने अपने परिवार के ठिकानों परआयकर विभाग द्वारा मारे गये छापे के बाद नाराजगी भरे ट्वीटकिये. उन्होंने लिखा -बीजेपीको उसका नया एलायंस पार्टनर मुबारकहो. इस पर राजनीतिक हंगामा मचने के41मिनट बाद लालूप्रसादयादव ने एक और ट्वीट किया,जिसमें उन्होंने लिखा – ज्यादा लार मत टपकाओ.गंठबंधन अटूट है. अभी तो समान विचारधारा के और दलों को साथ जोड़ना है. बाद के इस ट्वीट में लालू प्रसाद यादव ने अपने पुराने वाले ट्वीट को टैग कर दिया. यानी उनकी यह नयी बाते पुराने वाली बात के संदर्भ में कही गयी है.
हालांकि उन्होंने ट्विटर पर और भी कई पंक्तियां लिखीं, लेकिन विशेष मायने ये दोनों पंक्तियां ही रखती हैं. उनके ऐसे ट्वीट से राजनीतिक हलकों में एक सहज सवाल उठ रहा है कि क्या लालू प्रसाद यादव ने अपना संदेश दे दिया है?
मालूम हो कि कल पहली बार नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के परिवार द्वारा कथित रूप से अर्जित संपत्तियों से जुड़े सवाल पर मुंह खोला था. उन्होंने कहा था कि अगर किसी के पास कोई तथ्य है तो वह कानून का सहारा ले और उनकी सरकार न किसी को बचाती है और न किसी को फंसाती है. नीतीश की इस पंक्ति का उल्लेख करते हुए आज भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू पर चुटकी ली और उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कल कहा था और आज एजेंसी अपना काम कर रही है.
आज भाजपा नेता विनोद नारायण सिंह ने इस पूरे प्रकरण के बाद एक गहरे निहितार्थ वाला राजनीतिक बयान दिया – -‘बिहार के हित में कोई निर्णय लें नीतीश कुमार’. सुशील कुमार मोदी जब न तब नीतीश कुमार को अपने गठबंधन में शामिल होने कीमीडियाकेमाध्यम से पेशकश करते रहते हैं और उसके लिए अपनी ओर से शर्तें भी गिना देते हैं. हालांकि महागंठबंधन के दोनों बड़े नेता नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव यह दोहराते रहे हैं कि उनका गठबंधन अटूट है और यह कायम रहेगा. लेकिन, दोनोंनेताओं व उनके दलों के कई मुद्दों पर अलग-अलग स्टैंड हैं.