तीन महीनों में कमियां करें दूर, नहीं तो कॉलेजों की मान्यता होगी रद्द
पटना : राज्य के विश्वविद्यालयों से मान्यता के लिए कॉलेजों को तीन महीने का समय दिया जायेगा. इस दौरान जो कमियां हैं उसके कॉलेज दूर कर लेगी तो ठीक है, नहीं तो उनकी मान्यता रद्द कर दी जायेगी. यह निर्देश शिक्षामंत्री डॉ अशोक चौधरी ने उच्च शिक्षा निदेशालय की समीक्षात्मक बैठक में दिया है. उन्होंने […]
पटना : राज्य के विश्वविद्यालयों से मान्यता के लिए कॉलेजों को तीन महीने का समय दिया जायेगा. इस दौरान जो कमियां हैं उसके कॉलेज दूर कर लेगी तो ठीक है, नहीं तो उनकी मान्यता रद्द कर दी जायेगी. यह निर्देश शिक्षामंत्री डॉ अशोक चौधरी ने उच्च शिक्षा निदेशालय की
समीक्षात्मक बैठक में दिया है. उन्होंने कहा कि जिन कॉलेजों को एफलियेशन दिया गया है और अचानक रद्द कर दिया जाये तो वहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को परेशानी होगी. ऐसे में उस संस्थान की जो कमियां है उसे उन्हें बताया जाये और पूरा करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाये. कॉलेजों के लिए शहर में पांच एकड़ की जगह दो एकड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 एकड़ की जगह पांच एकड़ जमीन करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गयी. शिक्षामंत्री ने सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में दूरस्थ शिक्षा का सेंटर खोलने और इसके लिए नालंदा खुला विवि व मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विवि से इसमें सहयोग लेने का भी निर्देश दिया. साथ ही सभी कॉलेजों को नैक की मान्यता के लिए आवेदन देने कहा गया. शिक्षा मंत्री ने जन शिक्षा निदेशालय, शोध व प्रशिक्षण निदेशालय की भी अलग-अलग समीक्षा की. बैठक में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, अपर सचिव के सेंथिल कुमार, उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. खालिद मिर्जा, जन शिक्षा के निदेशक विनोदानंद झा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
एक साल पहले 28 संस्थानों को नैक से मान्यता मिली थी, जो बढ़कर अब 92 पहुंच गयी है. शिक्षामंत्री ने ग्रॉस एनरॉलमेंट रेसिया (जीइआर) को 14.3 से इस साल के अंत तक 15 प्रतिशत और 2020 तक 30 प्रतिशत तक पहुंचाने के लक्ष्य के आधार पर काम करने का भी निर्देश दिया. मंत्री ने तीनों नये विश्वविद्यालयों पाटलिपुत्र विवि, पूर्णिया विवि और मुंगेर विवि को खोलने की प्रक्रिया में तेजी लाने का भी निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के लिए हिंदी ग्रंथ अकादमी के नवनिर्मित भवन में जगह दी जा रही है.
इसके साथ ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सभी विवि मुख्यालय व कॉलेजों में फैसिलिटेशन सेंटर या हेल्प सेंटर खोलने को कहा गया. उन्होंने कहा कि सरकार विवि शिक्षकों व कर्मचारियों को ससमय वेतन देती है. ऐसे में विवि का दायित्व है कि वह समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र दे. सरकार की राशि का किसी प्रकार से दुरुपयोग नहीं होने दिया जायेगा. इसके अलावा 30 जून तक यूएमआइएस लागू किये जाने के लिए एजेंसी का चयन करने, राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की जल्द ही बैठक आयोजित करने को कहा गया. ओडीएल से दिया जायेगा प्रशिक्षण
शिक्षा मंत्री ने शोध व प्रशिक्षण निदेशालय को वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट की ओर से किये जाने वाले सभी कामों को 15 जून तक अंतिम रूप देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि 2020 तक सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को ट्रेंड कर देना है. इसमें अोडीएल मोड पर भी प्रशिक्षण कराया जाये. 33 डायट और 185 बीआरसी के लंबित कामों को 30 सितंबर तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया.
हाइ स्कूलों की छत पर लगेंगे सोलर पैनल
राज्य के सभी हाइ स्कूलों में सोलर पैनल लगाये जायेंगे. इसका निर्देश शिक्षा मंत्री ने दिया. प्रदेश के 1000 हाइ स्कूलों में इस साल से वर्चूअल क्लास शुरू होनी है. ऐसे में सभी स्कूलों में सोलर पैनल लगाने बिजली मिल सकेगी और बिजली नहीं रहने की स्थिति में उसका उपयोग किया जा सकेगा. शिक्षा मंत्री मॉडल स्कूलों में अविलंब पढ़ाई शुरू करने का भी निर्देश दिया.
जमीन नहीं मिलने के कारण नहीं बन रहे प्लस टू के भवन
शिक्षा मंत्री प्लस टू स्कूलों के भवन निर्माण के लिए 31 दिसंबर तक का टाइम लाइन निर्धारित किया है.उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों जिन्हें लगातार जमीन उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया और जमीन नहीं मिल पायी है उन्हें निरस्त किया जाता है. सरकार ने 771 प्लस टू स्कूलों के भवन निर्माण की परियोजना तैयार की थी. इसमें से 674 के निर्माण का आदेश दिया गया और 556 का काम पूरा हो गया है.