मुंबई : सरकार की खादी उद्योग में अगले पांच साल के दौरान पांच करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमइ) राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने यह जानकारी दी. गिरिराज सिंह नेगुरुवारको यहां समाचार एजेंसी भाषा को बताया, ‘‘हमने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग :केवीआइसी: में सौर ऊर्जा से चलने वाले कताई चक्के लाने की योजना बनाई है ताकि इस क्षेत्र में अगले पांच साल के दौरान पांच करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.”
केंद्रीय एमएसएमइ मंत्री कल यहां ‘‘रेमंड की खादी” कार्यक्रम के मौके पर अलग से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘इस समय खादी कुल कपड़ा उद्योग का एक प्रतिशत से भी कम है लेकिन पिछले दो साल के दौरान किये गये प्रयासों से खादी उद्योग का कारोबार 2014 के 35,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 52,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.” उन्होंने कहा कि एमएसएमइ मंत्रालय खादी ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिये कई कदम उठा रहा है. कयर उद्योग :नारियल के रेशे: के साथ साथ खादी उद्योग सरकार के एजेंडा में सबसे शीर्ष पर है.
गिरिराज सिंह ने कहा, ‘‘कई तरह की योजनायें जैसे कि ब्याज सहायता देना, बाजार उन्नयन और विकास योजना के तहत वित्तीय सहायता, क्लस्टर आधारित विकास के अवसर और इसके साथ ही नये डिजाइनों को बढ़ावा देते हुये सार्वजनिक निजी भागीदारी योजनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है.”
खाद्यी ग्रामोद्योग ने खादी कपड़ों के संयुक्त तौर पर संवर्धन के लिये निजी क्षेत्र की कंपनियों अरविंद, रेमंड और अन्य के साथ भी भागीदारी की है. इसके पीछे उद्देश्य खादी के कपड़ों को विशेषतौर पर युवाओं और कंपनियों के बीच प्रचलित करना है. सिंह ने कहा कि खादी के वातावरण अनुकूल और गुणवत्ता वाले कपड़ों को बाजार में उतारने के लिये फैशन डिजाइनरों को भी शामिल किया जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खादी कपड़ों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ योजना को शुरू किया है. इससे खादी उत्पादों को वैश्विक मानकों के अनुरुप बनाने में मदद मिलेगी.” गिरिराज सिंह ने कहा कि केवीआइसी खादी को नये फैशन के साथ आगे बढ़ाना चाहती है. उसने देश के प्रमुख शहरों में आधुनिक खादी कपड़ों के प्रीमियम लांज खोलने का भी फैसला किया है. देशभर में खादी कपड़ों के 7,000 से अधिक शो-रुम हैं जिनमें खादी उत्पादों की बिक्री की जा सकती है.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय खादी स्टोर नेटवर्क का विस्तार करने पर भी गौर कर रहा है. खादी उत्पादों की ई-कामर्स प्लेटफार्म के जरिये बिक्री के लिये भागीदारी और गठबंधन पर ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केवीआइसी अपने पूरे कामकाज का डिजिटलीकरण कराने पर भी ध्यान दे रहा है ताकि कागजी कार्य को कम से कम किया जा सके.