बेटे के नाम मकान नहीं किया, तो मां को घर से निकाला
पति की मृत्यु के बाद पेंशन से घर चलाती हैं फुलवा देवी, दो कट्ठे में है मकान बेटे को दो दिनों के अंदर महिला हेल्पलाइन के कार्यालय आने का दिया गया निर्देश पटना : शनिवार को महिला हेल्पलाइन में 70 वर्षीय फुलवा देवी पहुंचीं. पांच बच्चों की मां हाेने के बाद भी उन्हें दो वक्त […]
पति की मृत्यु के बाद पेंशन से घर चलाती हैं फुलवा देवी, दो कट्ठे में है मकान
बेटे को दो दिनों के अंदर महिला हेल्पलाइन के कार्यालय आने का दिया गया निर्देश
पटना : शनिवार को महिला हेल्पलाइन में 70 वर्षीय फुलवा देवी पहुंचीं. पांच बच्चों की मां हाेने के बाद भी उन्हें दो वक्त का खाना तक नसीब नहीं. उनके बेटे ने दो कट्ठे का मकान उसके नाम नहीं करने पर उन्हें घर से निकाल दिया है. इससे अब वह किराये के मकान में रह रही हैं.
शनिवार को महिला हेल्पलाइन में उन्होंने अपने बेटे और बहू की प्रताड़ना से तंग आकर शिकायत दर्ज करायी है. उन्होंने अपने आवेदन में लिखवाया कि बूढ़े हाथों में अब इतनी ताकत नहीं कि वह दो वक्त का खाना पका कर खा सकें. पर उनके बड़े बेटे ने उन्हें मारपीट कर घर से निकाल दिया है. इससे वह अलग किराये के मकान में छोटे बेटे के साथ रह रही हैं.
पड़ोसी ने की मदद
बुढ़ापे में बीमार पड़ने पर कोई दो वक्त की रोटी पूछने नहीं आता. यह कहते-कहते रोने लगी और कहा आज भी सुबह से भूखी बैठी हूं. बगलवाले बाबू की मदद से यहां पर आयी हूं.
इस पर महिला हेल्पलाइन की काउंसेलर साधना सिंह ने फुलवा को पहले खाना खिलाया. इसके बाद उनके मामले को देखते हुए उनके बेटे को फोन कर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज होने की जानकारी दी. इस पर फुलवा के बेटे ने पटना में नहीं होने की बात कही. उसे दो दिनों के अंदर कार्यालय आने का निर्देश दिया गया है.
करता है मारपीट, तोड़ चुका है मां के पैर
उन्होंने बताया कि दो बेटे हैं. बड़ा बेटा प्राइवेट नौकरी करता है. बड़ा बेटा मकान अपने नाम कराने के लिए मेरे साथ मारपीट करता रहता है. पहले ही वह गांव में खेत और मकान अपने नाम करा चुका है. मेरे पति पटना साइंस कॉलेज में नौकरी करते थे. उनकी मृत्यु के बाद पेंशन से खर्च चलाती हूं. छोटा बेटा नौकरी नहीं कर रहा है. बड़े बेटे ने उसे भी मारपीट कर घर से बाहर कर दिया है. शेखपुरा में दो कट्ठे का मकान है, जो मायके से मिली थी. उसे वह अपने नाम करवाना चाहता है. नहीं करने पर मार-पीट करता रहता है. मेरा पैर भी तोड़ चुका है.