शुक्ल नहीं होते तो गांधी को गांधी बनने में समय लगता : चौधरी
पटना : बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि राजकुमार शुक्ल के अथक प्रयासों से ही महात्मा गांधी चंपारण पहुंचे. वहां सत्याग्रह का प्रयोग किया. इससे ब्रिटिश हुकूमत के चंगुल से नील की खेती करने वाले किसानों को राहत मिली. यहां मिली सफलता के बाद जननेता के रूप में गांधी तेजी […]
पटना : बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि राजकुमार शुक्ल के अथक प्रयासों से ही महात्मा गांधी चंपारण पहुंचे. वहां सत्याग्रह का प्रयोग किया. इससे ब्रिटिश हुकूमत के चंगुल से नील की खेती करने वाले किसानों को राहत मिली. यहां मिली सफलता के बाद जननेता के रूप में गांधी तेजी से लोकप्रिय हुये. ऐसे में यदि राजकुमार शुक्ल नहीं होते तो गांधी को गांधी बनने में बहुत समय लग जाता. उन्होंने शनिवार को चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष और राजकुमार शुक्ल की पुण्यतिथि पर संग्रहालय सभागार में आयोजित एक समारोह को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि राजकुमार शुक्ल के कहने पर ही गांधी चंपारण गये. वहां जाकर उन्हें पहली बार किसानों की परेशानी का अहसास हुआ. इसी आधार पर उन्होंने अंगरेजों से लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया. वे आम लोगों के दुख की बात करने लगे जिससे लोग उनसे जुड़ते चले गये और वे जननेता के रूप में उभरकर सामने आये. उन्होंने कहा कि कई इतिहासकारों का कहना है कि राजकुमार शुक्ल अनपढ़ थे, जो गलत है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जिन मूल्यों की गांधी जी और राजकुमार शुक्ल ने स्थापना की उन्हें हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए. इस दौरान पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह, पटना विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग की प्रो. पद्मलता ठाकुर, इतिहासवेत्ता भैरवलाल दास, प्रो. ओम प्रकाश राय ने भी अपने विचार व्यक्त किये. मंच संचालन चंद्रभूषण भट्टने किया.
उन्होंने आजादी की लड़ाई के समय ऐसे कई विचार छोड़ा है, जिनपर काम करके हम अपने देश का विकास कर सकते हैं.उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गांधी जी ने एक बार कहा था कि यदि उन्हें शासन करने का मौका मिला तो पहला काम यही करेंगे कि बिना कोई मुआवजा दिये शराब की दुकानों को बंद करवा देंगे. ऐसे में हम गांधी जी की बात करें और शराबबंदी में सहयोग नहीं करें तो क्या लाभ.
इस अवसर पर पं. राजकुमार शुक्ल के नाती और नातीन को विधानसभा अध्यक्ष ने सम्मानित किया. इसका आयोजन पंडित राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान ने किया. संस्थान के अध्यक्ष राजेश भट्ट ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह के महापुरुषों की जीवनी पाठ्य-पुस्तकों में शामिल करनी चाहिए जिससे कि युवा पीढ़ी को उनके बारे में जानकारी मिल सके. वक्ताओं ने पं शुक्ल की आदमकद प्रतिमा पटना में लगाये जाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखी.