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लालू की बेटी मीसा और दामाद शैलेश से पूछताछ कर सकता है आयकर विभाग

पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेनामी संपत्ति से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आयकर विभाग की 22 ठिकानों पर छापेमारी के बाद लालू प्रसाद ने भले ही मीडिया से यह पूछा हो कि वह 22 ठिकाने कहां हैं और छापेमारी कहां हुई है, लेकिन विभाग जवाब देने के साथ […]

पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेनामी संपत्ति से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आयकर विभाग की 22 ठिकानों पर छापेमारी के बाद लालू प्रसाद ने भले ही मीडिया से यह पूछा हो कि वह 22 ठिकाने कहां हैं और छापेमारी कहां हुई है, लेकिन विभाग जवाब देने के साथ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुटा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स और आयकर विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो आयकर विभाग ने यह कह दिया है कि जिन-जिन लोगों के दफ्तर और घर में छापेमारी की गयी है, उन सभी के तार लालू यादव से जुड़े हुए हैं. विभाग ने कहामीडियासे कहा है कि छापेमारी से जुड़े लोगों में प्रेम गुप्ता और मीसा भारती शामिल हैं, जो सीधे-सीधे लालू से जुड़े हुए हैं. विभागीय सूत्रों की मानें तो अधिकारी बहुत जल्द बेनामी संपत्ति के मामले को लेकर लालू यादव की बेटी मीसा भारती और दामाद से पूछताछ कर सकते हैं.

करोड़ों की संपत्ति का मामला

आयकर विभाग ने मीडिया में यह जानकारी दी है कि छापेमारी में विजय कोचर और अजय कोचर के ठिकाने भी शामिल हैं, जिन्हें लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते, झारखंड की राजधानी रांची और पूरी में दो होटल चलाने का लाइसेंस दिया गया था. कहा जा रहा है कि उसी के बदले पहले प्रेम गुप्ता और बाद में लालू यादव ने पटना स्थित मॉल वाली जमीन की रजिस्ट्री अपने बेटों के नाम करा ली. विभाग के मुताबिक छापेमारी विवेक नागपाल के दफ्तर पर भी हुई है, जिसका सीधा संबंध लालू की बेटी मीसा भारती के पति शैलेश से रहा है. हालांकि, गत दिनों बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी यह आरोप लगाया था कि विवेक नागपाल ने अपनी कंपनी केएचके होल्डिंग्स की कीमती जमीन को लालू परिवार को दे दी थी. कंपनी को अपने हाथ में लेने के बाद उसकी सारी संपत्ति और जमीन मीसा भारती और शैलेश के हिस्से आ गया.

लालू के दामाद भी शक के घेरे में

बताया जा रहा है कि मीसा भारती के राज्यसभा सांसद बनने के बाद अब उस कंपनी का सारा शेयर उनके पति शैलेश और भाई निलेश के पास आ गया. सुशील मोदी के आरोपों के मुताबिक मीसा और शैलेश ने कंपनी के लिये जिस पते का इस्तेमाल किया वह लालू यादव को संसद सदस्य होने के नाते मिला था. सुशील मोदी ने अपने आरोपों में साफ कहा था कि किसी भी सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल आप व्यावसायिक काम के लिये नहीं कर सकते. इससे पूर्व विवेक नागपाल विवादों में रह चुके हैं. नागपाल को सीएजी ने दिल्ली में ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा स्मार्ट कार्ड बनाने में अनियमितता का आरोपित माना था. जानकारों की मानें तो नागपाल का लालू परिवार से संबंध काफी आश्चर्यजनक है. नागपाल पर ललित मोदी ने क्रिकेट बोर्ड में धांधली का भी आरोप लगाया था.

आयकर विभाग करेगा पूछताछ

ज्ञात हो कि पूर्व में सुशील मोदी ने मीसा भारती पर अपनी एक कंपनी मिशेल पैकर्स के माध्यम से फार्म हाउस खरीदने का आरोप लगाते हुए कहा था कि हालांकि, इस कंपनी को बाद में सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन को बेच दिया गया. दोनों लोगों अभी मनी लांडरिंग मामले में अभी जेल में हैं. इतना ही नहीं, लालू प्रसाद के बड़े दामाद शैलेश एक और कंपनी रॉयल तुलिप होटल्स एंड रिसार्ट्स में भी निदेशक हैं. वहीं दूसरी ओर लालू परिवार के समर्थकों का साफ मानना है कि सबकुछ कानून के तहत है और सरकार को समय पर रिटर्न दिया गया है. साथ ही, आयकर विभाग की एक्ट में यह प्रावधान है कि छह वर्ष से अधिक पुराने मामले को दोबारा खोला नहीं जा सकता है. वहीं आयकर विभाग के सू्त्रों की मानें तो विभाग इस पर विचार कर रहा है कि आखिर करोड़ों की संपत्ति कौड़ियों में कैसे मिल गयी ?

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