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बिहार : PMCH और दरभंगा DMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, 8 मरीजों की मौत से हड़कंप

पटना : बिहार की राजधानी पटना में स्थित सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में बुधवार की सुबह 8 मरीजों की मौत हो गयी है. पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार की वजह से आज सुबह से लेकर अभी तक 8 मरीज दम तोड़ चुके हैं. मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल […]

पटना : बिहार की राजधानी पटना में स्थित सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में बुधवार की सुबह 8 मरीजों की मौत हो गयी है. पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार की वजह से आज सुबह से लेकर अभी तक 8 मरीज दम तोड़ चुके हैं. मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल है. मरीजों को लगातार दलाल अपने चंगुल में फंसाकर कॉलेज के आस-पास निजी क्लिनिकों में भरती करा रहे हैं. स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. मरीजों की मानें तो सुबह से किसी भी वार्ड में मरीजों के हाल की खोज खबर नहीं ली गयी है. इस बीच यह भी बताया जा रहा है कि हाल में ऑपरेशन किये गये मरीज, जो काफी गंभीर हालत में हैं, उन्हें भी देखने वाला कोई नहीं है.

कार्य बहिष्कार जारी

जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से अस्पताल में आपातकालीन और ओपीडी सेवा पूरी तरह प्रभावित है. बताया जा रहा है कि इससे पहले मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया था. जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस ने काउंसेलिंग के दौरान मेडिकल छात्रों पर जमकर लाठियां भांजी, जो एक कायरतापूर्ण और बर्बरतापूर्ण कार्रवाई है. इस घटना में कई छात्र घायल हो गये हैं. घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने 24 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार कर दिया है. जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि जब तक निर्दोष छात्रों के ऊपर से एफआइआर वापस नहीं लिया जाता और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. ताजा जानकारी के मुताबिक अभी तक सैकड़ों मरीज अस्पताल छोड़कर जा चुके हैं. इमरजेंसी वार्ड की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है.

दलालों की चांदी

ज्ञात हो कि पीएमसीएच सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल है. गरमी के मौसम में अचानक वहां मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. मरीजों में ज्यादातर लोग दूर-दराज गांव से आते हैं. इस अवस्था में पीएमसीएच ही उनके लिए एकमात्र सहारा होता है. जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार की वजह से दलालों की चांदी हो गयी है. दर्जनों मरीजों को हड़ताल की बात कहकर निजी क्लिनिक में कमीशन पर मरीजों को भर्ती कराया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर मरीजों के परिजनों का कहना है कि पीएमसीएच में आये दिन हड़ताल होने की वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है. छह मरीजों की मौत के बाद भी अभी तक राज्य सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाये जाने की सूचना मिली है.

दरभंगा में भी हड़ताल

वहीं दूसरी ओर यह भी खबर है कि पटना में काउंसिलिंग के दौरान मारपीट की घटना के विरोध में दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने भी हड़ताल कर दिया है. जिसकी वजह से डीएमसीएच में मरीजों की हालत दयनीय हो गयी है. मरीजों को निजी क्लिनिक में जाना पड़ रहा है. मरीजों की मानें तो अचानक डॉक्टरों ने मरीजों को देखना बंद कर दिया और विरोध पर चले गये. बताया जा रहा है कि पटना पीएमसीएच में छह मरीजों की मौत के बाद सीनियर डॉक्टरों ने कमान संभाली है. पीएमसीएच के डॉ. अभिजीत ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पीएमसीएच में 50 अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती की जायेगी. सभी को इमरजेंसी वार्ड में तैनात किया जायेगा. हालांकि, अभी भी स्थिति गंभीर बनी हुई है. मरीज काफी परेशान हैं.

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