नक्सली, आतंकी घटनाओं में मरनेवालों को पांच लाख
कैबनेट के फैसले : मत्स्यजीवी कमेटी में आरक्षण खत्म पटना : बिहार में अब अगर किसी व्यक्ति की मौत नक्सली हिंसा, आतंकी वारदात, सांप्रदायिक घटना, सीमा पार से गोलीबारी और बारूदी सुरंग विस्फोट में होती है, तो उसे पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. अगर इन वारदातों में कोई व्यक्ति 50 फीसदी या इससे अधिक […]
कैबनेट के फैसले : मत्स्यजीवी कमेटी में आरक्षण खत्म
पटना : बिहार में अब अगर किसी व्यक्ति की मौत नक्सली हिंसा, आतंकी वारदात, सांप्रदायिक घटना, सीमा पार से गोलीबारी और बारूदी सुरंग विस्फोट में होती है, तो उसे पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. अगर इन वारदातों में कोई व्यक्ति 50 फीसदी या इससे अधिक विकलांग भी हो जाता है, तो उसे भी इतना ही मुआवजा राज्य सरकार देगी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई विशेष बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.
इस बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी संशोधित मार्गदर्शिका को राज्य में भी लागू कर दिया गया है. इसके अनुसार इस तरह की किसी वारदात में कोई विदेशी नागरिक या एनआरआइ की भी मौत हो जाती है, तो इनके परिजनों को भी पांच लाख रुपये मुआवजा मिलेगा.
लेकिन, इसमें अगर कोई हिंसा करने वाले या नक्सलियों के साथ गोलीबारी में किसी नक्सली या हिंसा करने वाले की मौत होती है, तो उसके परिजनों को मुआवजे की यह राशि नहीं दी जायेगी. तमाम हिंसक गतिविधि में मारे गये किसी आम व्यक्ति या उसके परिजनों को राज्य सरकार या अन्य किसी सरकारी या निजी संस्थान की तरफ से कोई सहायता राशि मिलती है, तब भी उसे मुआवजा की यह राशि दी जायेगी. अगर किसी व्यक्ति के परिवार के दोनों सदस्यों की मौत हो जाती है, तो उसके अन्य परिजनों को यह मुआवजा मिलेगा.
प्रखंडस्तरीय मत्स्यजीवी समितियों में आरक्षण खत्म
कैबिनेट के एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत सभी प्रखंडस्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समितियों की कार्यकारिणी में आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है. बैठक के बाद सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि पहले इस 13 सदस्यीय समिति में एससी या एसटी, पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगों को दो-दो पदों पर आरक्षण मिलता था.
यानी 13 सदस्यों की समिति में छह सीटें आरक्षित होती थीं, लेकिन अब यह व्यवस्था समाप्त कर दी गयी है. इसके अलावा इस बार 379 समितियों में 307 का चुनाव होने जा रहा है. इनमें 2012 में ही चुनाव हुआ था. शेष 72 समितियों का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है. अब राज्य सरकार इन समितियों में होनेवाले चुनाव का पूरा खर्च स्वयं वहन करेगी. पहले चुनाव का खर्च समितियां स्वयं वहन करती थीं. प्रखंड स्तर पर बनी इन समितियों का मुख्य कार्य मछलीपालकों को आगे बढ़ाना और इनका उचित प्रबंधन करना है.
अब एक योजना में बार-बार कैबिनेट से मंजरी जरूरत नहीं
चालू वित्तीय वर्ष (2017-18) से योजना और गैर-योजना आकार को खत्म कर दिया गया है, ताकि जरूरत के अनुसार पैसे को समुचित तरीके से खर्च किया जा सके. इस पहल के साथ ही योजनाओं को गति देने के लिए वित्त विभाग के स्तर पर नयी रणनीति तैयार की गयी है.
इसके तहत राज्य योजना, केंद्रीय प्रायोजित स्कीम और केंद्रीय क्षेत्र स्कीम के अंतर्गत पहले से चल रही किसी भी तरह की योजनाओं को बार-बार कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मसलन, साइकिल-पोशाक या छात्रवृत्ति जैसी अन्य योजनाओं में बार-बार जारी आवंटन को कैबिनेट की मंजूरी दिलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. सब्सिडी समेत अन्य अनुदान में भी रुपये संबंधित विभाग के स्तर पर ही विमुक्त कर दिये जायेंगे. इसके लिए भी कैबिनेट लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
अगर पहले से चल रही इन योजनाओं में कोई नया प्रावधान जोड़ा जाता है, तो इसकी मंजूरी लोक वित्त समिति से कराने की जरूरत पड़ेगी. इस समिति की मंजूरी से ही योजनाओं के प्रावधानों में बदलाव किये जा सकते हैं. राज्य की तरफ से चालू स्कीमों के लिए प्रत्येक वर्ष स्वीकृति की जरूरत नहीं पड़ेगी. चाहे राशि में व्यय अनुदान के रूप में किया जा हो या सामान्य रूप से. इसके लिए स्कीम की प्रशासनिक स्वीकृति की लागत के अंतर्गत संबंधित वर्ष के लिए स्कीम व्यय तथा बजट में आवंटन के आधार पर ही राशि विमुक्त कर दी जायेगी. संबंधित योजना चलाने वाला प्रशासी विभाग ही अपने स्तर पर राशि को संबंधित योजना में विमुक्त कर सकता है.
अन्य प्रमुख फैसले
– राज्य में गठित 68 फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन पदाधिकारियों व उनकी सहायता के लिए कार्यरत सेवानिवृत्त तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के लिए 1 फरवरी से 31 जुलाई 2017 तक के वेतन भुगतान के लिए सात करोड़ चार लाख जारी.
– मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के अंतर्गत 26 गैर-उग्रवाद प्रभावित जिलों में चार हजार किमी सड़क निर्माण के लिए ब्रिक्स के न्यू डेवलपमेंट बैंक से दो हजार 310 करोड़ रुपये ऋण लिया गया है. इस बैंक से इस रुपये के लिए एकरारनामा हो गया है.
आज िदल्ली में मॉरीशस के पीएम के सम्मान में भोज शामिल होंगे मुख्यमंत्री
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को नयी दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से मॉरीशस के प्रधानमंत्री के सम्मान में आयोजित भोज (लंच) में शामिल होंगे. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मुझे निमंत्रित किया गया है. मॉरीशस के प्रधानमंत्री के सम्मान में भोज है, इसलिए मैं उसमें शामिल होऊंगा. यूपीए सरकार के समय में भी जापान के प्रधानमंत्री के सम्मान में प्रधानमंत्री ने डिनर का आयोजन किया था, जिसमें मैं शामिल हुआ था. उन्होंने कहा कि मॉरीशस के साथ बिहार का एक भावनात्मक लगाव है. मॉरीशस की 52% आबादी बिहारी मूल की है. वहां के पहले और अभी के प्रधानमंत्री बिहारी मूल के हैं.