सुशील मोदी का आरोप, विधायक को-ऑपरेटिव में लालू प्रसाद का 5 नामी-बेनामी प्लॉट

पटना : बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद परएकबार फिर हमला बोला है. सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि राजधानी पटना के एमएलए को-ऑपरेटिव में लालू प्रसाद का नामी और बेनामी पांच प्लॉट है. उन्होंने आराेप लगाते हुए कहा कि बिहार सांसद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2017 4:56 PM

पटना : बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद परएकबार फिर हमला बोला है. सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि राजधानी पटना के एमएलए को-ऑपरेटिव में लालू प्रसाद का नामी और बेनामी पांच प्लॉट है. उन्होंने आराेप लगाते हुए कहा कि बिहार सांसद एवं विधान मंडलीय सदस्य सहकारी गृह निर्माण समिति में रेलमंत्री रहते लालू प्रसाद ने एक प्लॉट के रहने के बावजूद एक और प्लॉट लिखवा लिया जो पूरी तरह से अवैध एवं गैर कानूनी हैं.

जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत में सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने लाखों की जमीन एमएलसी बनाने के एवज में मात्र 37 हजार रुपये में बादशाह आजाद से लिखवा लिया. लालू प्रसाद का प्लॉट संख्या 207 से लेकर 211 तक कुल पांच प्लॉट पर व्यावहारिक रूप से कब्जा है. उन्होंने कहा कि सहकारी समिति के वायलॉज में स्पष्ट प्रावधान है किसी भी सदस्य को एक से अधिक प्लॉट लेने की अनुमति नहीं दी जायेगी. उन्होंने गृह निर्माण समिति को अविलंब सुपरसीड करने को कहा है. साथ ही लीज के प्रावधानों एवं गृह सहकारी समिति के नियमों का उल्लंघन के दोषियों का प्लॉट रद्द करने की मांग की.

सुशील मोदी ने कहा कि जब सहकारी समिति के वायलॉज में में एक ही प्लॉट का प्रावधान है तो फिर रेलमंत्री एवं राबड़ी के मुख्यमंत्री पद का लाभ उठाकर उन्होंने एक और प्लॉट 207 मात्र 37 हजार में बादशाह आजाद से कैसे लिखवा लिया. राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री के प्रभाव का इस्तेमाल कर सुधा श्रीवास्तव से प्लॉट नंबर 151 लिखवा लिया और फिर अब्दुलबारी सिद्दीकी से अदला-बदली के नाम पर प्लॉट नंबर 209 लिखवा लिया.

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भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के बगल का एक और प्लॉट 210 सामुदायिक भवन के लिए खाली रखा गया था उसे भी साधु यादव को दे दिया गया. ताकि, लालू परिवार लगातार पांच प्लॉट का व्यावहारिक तौर पर इस्तेमाल कर सके. प्रेमचंद्र गुप्ता को भी एक प्लॉट 211 दिया गया. इस प्लॉट का निबंधन बिना आवंटन के हो गया. लालू प्रसाद के करीबी जयप्रकाश यादव ने समिति के अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर एक प्लॉट 222 रहते एक और और प्लॉट 223 भी लिखवा लिया.

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