रोजेदारों की मगफरत के लिए मछलियां भी करती हैं दुआ : मौलाना मुरसल
फुलवारीशरीफ : इमारते शरिया के मौलाना मुरसल ने कहा कि वह लोग खुशनसीब हैं, जिनको रमजान जैसे पवित्र महीने में रोजा रखने का मौका मिला है.लोगों को चाहिए कि इस माह में ज्यादा-से- ज्यादा कुरानशरीफ की तिलावत करें.उन्होंने कहा कि यह महीना हमदर्दी व गमगुसारी का भी है.
लोगों के साथ जितना हो सके हमदर्दी करें और विधवा, गरीबों व कमजोर लोगों को हर तरह की सहायता करें. मौलाना मुरसल ने बताया कि रोजेदारों के लिए दरिया की मछलियां मगफरत के लिए दुआ करती हैं.
रोजेदारों को चाहिए कि गुस्सा न करें. किसी बात पर गुस्सा आ जाये, तो गुस्सा को पीकर खत्म कर लेना चाहिए.उन्होंने कहा कि रोजा शरीर के हर अंग का है न कि सिर्फ पेट का. पाक माह-ए-रमजान शुरू हो चुका है. रोजा रखने का मतलब भूखा-प्यासा रहना नहीं, बल्कि अपने आप को सभी तरह की बुराइयों से रोकना है.