Bihar Arts Topper की गिरफ्तारी के बाद फिर उठने लगे सवाल, बोर्ड अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री में ठनी

पटना : बिहार में इंटर आर्ट्स टॉपर गणेश की गिरफ्तारी के बाद यह चर्चा शुरू हो गयी है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और विवाद दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. कल तक अधिकारी हों या शिक्षा मंत्री चीख-चीखकर मीडिया के सामने गणेश को सही साबित कर रहे थे. मामला परत-दर-परत खुलता गया और परिणामस्वरूप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2017 9:22 AM

पटना : बिहार में इंटर आर्ट्स टॉपर गणेश की गिरफ्तारी के बाद यह चर्चा शुरू हो गयी है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और विवाद दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. कल तक अधिकारी हों या शिक्षा मंत्री चीख-चीखकर मीडिया के सामने गणेश को सही साबित कर रहे थे. मामला परत-दर-परत खुलता गया और परिणामस्वरूप गणेश की गिरफ्तार हुई. अब उसके बाद सियासत तो तेज हुई ही, बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी और अध्यक्ष आनंद किशोर और सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी में ठन गयी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो अशोक चौधरी इसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार बोर्ड के अध्यक्ष कोमान रहे हैं, वहीं बोर्ड अध्यक्ष का कुछ और ही कहना है. कुल मिलाकर गणेश की परिक्रमा ने पूरे शिक्षा व्यवस्था को चर्चा में ला दिया है. जानकार मानते हैं कि बिहार बोर्ड से एक और बड़ा घोटाला सामने आ जाये, तो कई बड़ी बात नहीं कही जा सकती.

विवादों से है बोर्ड का नाता

गणेश के टॉपर होने के साथ उसकी उम्र को लेकर शुरू हुआ विवाद इस कदर आगे बढ़ा कि मीडिया ने अपने स्तर से इसकी जांच शुरू कर दी. मीडिया में लगातार गणेश के टॉपर होने को लेकर सवाल उठते रहे. उधर, दूसरी ओर 13 लाख परीक्षार्थियों में से आठ लाख के फेल हो जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं इस मामले की मॉनेटरिंग करने लगे. उन्होंने एक्शन प्लान के लिए बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर और शिक्षा मंत्री को तत्काल तलब किया. इसके ठीक बाद, गणेश का मामला जोर-शोर से उछला और मुख्यमंत्री ने एक बार फिर संबंधित लोगों को फटकार लगायी और शुक्रवार देर शाम तक बोर्ड अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत कर गणेश के फर्जी टॉपर होने पर मुहर लगायाऔर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. बताया जाता है कि वरिष्ठ आइएएस अधिकारी आनंद किशोर मुख्यमंत्री के गुड फेथ वाले अधिकारी हैं. मुख्यमंत्री ने बिहार बोर्ड की कमान उस वक्तउनके हाथों में सौंपी, जब बोर्ड संदेह के घेरे में था. आनंद किशोर ने आते ही वहां सफाई करनी शुरू की और कई फर्जी कॉलेजों की मान्यता रद्द कर चर्चा में आ गये.

गणेश ने कर दी परिक्रमा

गणेश का मामला सामने आने के बाद सरकार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी चारों तरफ से घिर गये. उन्होंने गणेश को लेकर मीडिया में बड़े-बड़े बयान दिये थे. इतना ही नहीं प्रश्न पूछने पर वह भड़क भी गये थे. मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो शिक्षा मंत्री और बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर के रिश्ते में जबरदस्त खटास आ गयी है. अशोक चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आनंद किशोर ही जांच के घेरे में आ गये हैं. दोषी बख्शे नहीं जायेंगे. अशोक चौधरी के मुताबिक बोर्ड ने उनके निर्देशों को सही तरीके से पालन नहीं किया, जिसकी वजह से इतनी बड़ी चूक हुई. अशोक चौधरी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने आनंद किशोर को कहा था कि भले ज्यादा दिन लग जायें, लेकिन सबकुछ अच्छे तरीके से देख लीजिएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि मैंने टॉपरों के फिजिकल वेरिफिकेशन की बात भी कही थी, लेकिन उसका अनुपालन नहीं हुआ . शिक्षा मंत्री के मुताबिक, उन्हें अंधेरे में रखकर गलत जानकारी दी गयी, जिसकी वजह से इतना बड़ा तमाशा हो गया.

एक दूसरे में ठनी

खबरों के मुताबिक अशोक चौधरी के इस बयान के बाद बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर तिलमिला गये हैं. उनकी ओर से हालांकि कोई बड़ा बयान नहीं दिया गया है, लेकिन बोर्ड कार्यालय में शुक्रवार को दिन भर यह चर्चा रही कि आनंद किशोर ने सबकुछ शिक्षा मंत्री के निर्देश पर ही किया है. बोर्ड के अध्यक्ष ने मीडिया को कहा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा किये गये सारे प्रयास बिल्कुल सही और सटीक थे, गड़बड़ी कई और कारणों से हुई है. हालांकि, उन्होंने गड़बड़ी के कारणों का खुलासा नहीं किया लेकिन यह जरूर कहा कि गड़बड़ी दूसरे वजहों से हुई उसके आधार पर गणेश पर कार्रवाई की गयी. फिलहाल, आने वाले दिनों में और कई खुलासे होने की उम्मीद है. 2016 में टॉपर घोटाले से शुरू हुआ विवाद 2017 तक भी जारी है.


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