बिहार के लाल ने जीती कोरोना से जंग, अस्पताल से हुई घर वापसी
कोरोना वायरस से जूझ रहे बिहार से एक अच्छी खबर आयी है. नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (एनएमसीएच) में भर्ती एक मरीज ने कोरोना से लड़ाई में जीत हासिल की है. फुलवारीशरीफ के रहने वाले राहुल कुमार को बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया.
पटना : कोरोना वायरस से जूझ रहे बिहार से एक अच्छी खबर आयी है. नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (एनएमसीएच) में भर्ती एक मरीज ने कोरोना से लड़ाई में जीत हासिल की है. फुलवारीशरीफ के रहने वाले राहुल कुमार को बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया. उनकी रिपोर्ट दो बार नेगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज करने का फैसला डॉक्टरों ने किया. एंबुलेंस से उन्हें घर भेज दिया गया है. हालांकि, अगले 14 दिन तक उन्हें होम क्वारंटीन में रहना होगा. राहुल स्कॉटलैंड से लौटकर आये थे. जब उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी, तो 22 मार्च को उन्हें एनएमसीएच में भर्ती कराया गया.
यहां करीब डेढ़ सप्ताह तक उनका इलाज चला. अब वह कोरोना मुक्त हो गये हैं.डिस्चार्ज होकर क्या बोले राहुलस्कॉटलैंड में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर रहे राहुल ने आम लोगों से कोरोना से बिल्कुल भी नही घबराने की अपील की. उन्होंने लोगों से इस बीमारी का डटकर मुकाबला करने को कहा है. राहुल का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अगर डॉक्टरों की हर सलाह को मानें तो कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है.10 दिनों से चल रहा था इलाजस्कॉटलैंड से लौटने के बाद तबीयत बिगड़ने पर राहुल को पटना एम्स में 20 मार्च को भर्ती कराया गया था.
21 मार्च को सर्दी-खांसी और बुखार की शिकायत पर उनकी कोरोना जांच करायी गयी, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. 22 मार्च को राहुल को एनएमसीएच में भर्ती कराया गया. यहीं पर 10 दिन से उनका इलाज चल रहा था. पिछले कुछ दिनों में राहुल की स्थिति में सुधार देखते हुए डॉक्टरों ने उसकी कोरोना जांच करायी तो उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आयी. दो दिन बाद फिर से जांच करायी गयी, तो उसमें भी कोरोना निगेटिव ही आया. एक मेडिकल टेस्ट के बाद बुधवार को डॉक्टरों ने राहुल को अस्पताल से छुट्टी दे दी.