लॉकडाउन में बेटी के साथ जिंदगी की जंग लड़ रही है एक मां

वैसे तो संकट की घड़ी में हर कोई परेशान है. खासकर गरीब और असहाय लोगों की पीड़ा देखी नहीं जा रही, लेकिन इसी लॉकडाउन में एक ऐसी मां है जो अपनी बेटी के साथ जिंदगी की लड़ाई लड़ रही हैं, जिस तरह सुख आना होता है तो चारों तरफ से आता है उसी तरह उसकी जिंदगी में दुखों का पहाड़ एक साथ आ गया है

By Prabhat Khabar News Desk | May 7, 2020 5:21 AM

पटना : वैसे तो संकट की घड़ी में हर कोई परेशान है. खासकर गरीब और असहाय लोगों की पीड़ा देखी नहीं जा रही, लेकिन इसी लॉकडाउन में एक ऐसी मां है जो अपनी बेटी के साथ जिंदगी की लड़ाई लड़ रही हैं, जिस तरह सुख आना होता है तो चारों तरफ से आता है उसी तरह उसकी जिंदगी में दुखों का पहाड़ एक साथ आ गया है. बता दें कि सगुना मोड़ स्थित मस्जिद गली में राखी सिंह जिसकी उम्र लगभग 35 साल है. वह अपनी बेटी पाखी के साथ जिंदगी गुजार नहीं बल्कि काट रही है. हालत ऐसी है कि वह राहत वितरण सामग्री लेने के लिए घर से बाहर भी नहीं निकल सकती.

टीवी के थर्ड स्टेज से जूझ रही मां : बता दें कि राखी टीवी की भयंकर बीमारी से लड़ रही है, जो की तीसरे स्टेज में है और साथ में उनकी बेटी जिसके दिल में छेद है अपनी जिंदगी एक छोटे से कमरे में गुजार रही है. बेटी ट्यूशन पर आकर किसी तरह अपनी मां की जिंदगी सुधारना चाहती है व घर चलाना चाहती है, लेकिन बेटी पाखी भी दिल की बीमारी से जूझ रही है. ऐसे में दोनों मां बेटी एक दूसरे का सहारा बनी हुई है.

अभी अभी हाल में बिइंग हेल्पर टीम द्वारा कुछ सहायता मिला था, लेकिन इस महंगाई में एक छोटे से कमरे में रहना भी मुसीबत है.दो साल पहले ही चल बसा था पतिब्रेन हैमरेज के कारण राखी के पति की मृत्यु 2 साल पहले ही हो गयी थी. वह सासाराम की रहने वाली है, लेकिन दु:खों के कारण उन्हें गांव से बाहर होना पड़ा. ऐसे में वह किसी तरह सगुना मोड़ पहुंची जहां वह सिलाई कर घर चला रही थी, लेकिन बीमारी से भी परेशान थी.

इसी बीच मां को पता चला कि बेटी के दिल में छेद है तो वह और भी हताश हो गयी. मां-बेटी दोनों ने अपना इलाज करवाने की कोशिश की मगर आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण दवाइयां तक खरीद नहीं सकीं. अभी लॉकडाउन में न तो बेटी ट्यूशन पढ़ा पा रही है न ही बीमार मां कपड़े सिल रही है. ऐसे में मकान का किराय, राशन और इलाज सबकुछ मुश्किल हो गया है.

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