– राज्य के सभी विभागों को जोड़ कर कर्मियों का एकीकृत डाटा होगा तैयार
जानकारी के मुताबिक फिलहाल सचिवालय से लेकर जिला समाहरणालय कर्मियों की बायोमैट्रिक हाजिरी बनायी जाती है. इस व्यवस्था के तहत कर्मियों को अपने कार्यालय के बायोमैट्रिक उपकरण पर ही हाजिरी बनानी होती है. ”””””””” आधार ”””””””” आधारित बायोमैट्रिक व्यवस्था लागू होने पर सरकारी कर्मी प्रतिनियुक्ति में कहीं रहने पर भी हाजिरी बना सकेंगे और उनकी उपस्थिति का सत्यापन सुनिश्चित हो सकेगा. प्रारंभिक चरण में आधार बेस्ड सॉफ्टवेयर अपडेट करने की जिम्मेदारी तीन कंपनियों इएसएसएल, सिक्योरआइ और एक्सेस कंप्यूटेक को मिली है. आगामी चरणों में अन्य कंपनियों के उपकरणों को भी इंटीग्रेट किया जायेगा.
रिपोर्टिंग और निगरानी व्यवस्था को बनाया जायेगा आसान
”””””””” आधार ”””””””” आधारित हाजिरी व्यवस्था के साथ ही कर्मियों की रिपोर्टिंग और निगरानी व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाया जा रहा है. इसके तहत बिहार बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के माध्यम से नोडल विभाग, प्रशासी विभाग, डीएम एवं जिला व क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रधान अपने अधीनस्थ कार्यालयों में सरकारी पदाधिकारी-कर्मियों की उपस्थिति का सुपरविजन व मॉनीटरिंग कर सकेंगे. इसके माध्यम से क्रॉस चेक रिपोर्ट भी मिलेगी. मसलन कोई कर्मी अपने रजिस्टर्ड कार्यालय के अलावा किसी अन्य कार्यालय में हाजिरी दर्ज करते हैं, तो उसकी मंथली रिपोर्ट भी विभाग और कार्यालय को मिलेगी. भविष्य में सभी सरकारी कर्मियों के डेटा को एक जगह इकट्ठा करने के लिए इस व्यवस्था को एपीआइ के माध्यम से जोड़ा जायेगा. इससे राज्य सरकार के तमाम कर्मियों की हाजिरी व्यवस्था को केंद्रीयकृत रूप से मॉनीटरिंग की जा सकेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है