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Bihar Weather: बिहार में जारी रहेगा ठंड का दौर, जानें शीतलहर और ठिठुरन वाली जाड़ से कब मिलेगी राहत

Bihar Weather: मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जनवरी में ठंड का दौर जारी रहने के पीछे की वजह पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता है. 18 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसलिए फिलहाल अभी ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है

Bihar Weather: पटना राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में सुबह के समय हल्के से मध्यम स्तर कोहरा रहने की संभावना है. दिन में सर्द हवाओं के दौर जारी रहने का भी पूर्वानुमान है. आइएमडी पटना के अनुसार 18 जनवरी से रात के न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज होने की आशंका है. इस तरह बिहार को अगले कुछ दिन और ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं के बराबर हैं. मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जनवरी में ठंड का दौर जारी रहने के पीछे की वजह पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता है. 18 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसके ठीक चार दिन बाद 22 जनवरी को एक और नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है. इस तरह बिहार सहित समूचे उत्तरी भारत की ठंड की वजह माने जाने वाले पश्चिमी विक्षोभ ने इस बार ठंड को बरकरार रखा है. मौसम के संतुलन के लिए यह स्थिति अच्छी बतायी जा रही है. 26 जनवरी से लोगों को ठंड और शीतलहर से राहत मिल जाएगी.

दक्षिण बिहार के तापमान में बढ़ोतरी

पटना और गया सहित दक्षिण बिहार में उच्चतम तापमान में कुछ इजाफा हुआ है. दरअसल इस इलाके में दिन भर रह कर धूप निकलती रही. तापमान में इसी तरह का अंतर पश्चिमी बिहार में देखा गया. जीरादेई में राज्य का सबसे अधिक 22.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. हालांकि पूर्वी और उत्तरी बिहार में कई जगहों पर पारे में गिरावट देखी गयी. उदाहरण के लिए पूर्णिया में बुधवार की तुलना में गुरुवार को उच्चतम तापमान में करीब चार डिग्री और सुपौल में पांच डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गयी. तुलनात्मक रूप में मुजफ्फरपुर के दिन के तापमान में आंशिक गिरावट देखी गयी. बांका में राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.

ठंड से फसलों को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी

राज्य में खराब मौसम के कारण रबी सहित बागवानी, सब्जी आदि फसलों को नुकसान की संभावना बढ़ गयी है. इसे लेकर कृषि विभाग द्वारा फसलों के बचाव को लेकर किसानों के लिए एडवाइजरी जारी किया गया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण ने बताया कि जनवरी माह में ठंड और पाला का प्रभाव गेहूं और सरसों की फसलों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है. जब तापमान चार सेंटीग्रेड से नीचे गिरता है, तो पाले के कारण फसलों की पत्तियां और फूल नीचे गिरने लगते हैं. इसी तरह बागवानी और प्याज, मिर्च, टमाटर, बैगन आदि सब्जी की फसल भी प्रभावित होती है. पाला और ठंड में फसलों का ग्रोथ रुक जाता है और उत्पादन भी आगे प्रभावित हो जाता हैं. अधिक ठंड में टमाटर की पत्तियां और फल भी प्रभावित होते हैं.

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