बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक (KK Pathak) और राजभवन के तकरार के बीच सोमवार को ABVP के कार्यकर्ता के के पाठक के आवास का घेराव करने पहुंच गए. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई करने का विरोध जताते हुए अपर मुख्य सचिव के आवास के सामने पहुंच गए. वहीं प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया और कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया.
के के पाठक के आवास का घेराव करने पहुंचे ABVP कार्यकर्ता
बता दें कि सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपर मुख्य सचिव के के पाठक के आवास का घेराव करने पहुंचे थे. हाथों में बैनर लेकर पहुंचे इन कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. के के पाठक को तानाशाह बताया और के के पाठक गो बैक जैसे नारे लगाए. जिसके बाद फौरन पुलिसकर्मियों ने इन प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की. इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस में मामूली धक्का-मुक्की भी हुई. वहीं कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, ऐसी सूचना है.
ABVP ने बतायी वजह..
ABVP ने इस पूरे प्रकरण पर अपना पक्ष रखा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, पटना महानगर के कार्यालय मंत्री हरेराम सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के तानाशाही और अड़ियल रवैये का दंश बिहार का शिक्षा व्यवस्था झेल रहा है. इसी तानाशाही व्यवस्था के विरोध में के के पाठक के आवास का घेराव और आंदोलन की शुरुआत की गयी है. केके पाठक के द्वारा विश्वविद्यालयों के खातों पर रोक लगाना मानसिक विकृति को दिखाता है और अगर विश्वविद्यालय के खाते के संचालन पर लगी रोक को नहीं हटाया गया तो आंदोलन और अधिक उग्र होगा.
के के पाठक से क्यों नाराज है ABVP?
ABVP नेता ने कहा कि पिछले कई महीनों से शिक्षकों, कर्मचारियों एवं पेंशनधारीओं के वेतन का भुगतान रोक दिया गया है. ये मानवीय त्रासदी से कम नहीं है. के के पाठक की वजह से शिक्षा व्यवस्था वसूली का माध्यम बन चुका है. कहा कि शिक्षा विभाग की मनमानी से विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता खतरे में है. शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के लगातार तानाशाही एवं अड़ियल रवैये के कारण अराजक स्थिति बनी हुई है.
क्या है ABVP की मांग..?
ABVP नेता ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राज्यपाल होते हैं और इसके नाते केवल वही दिशा-निर्देश देने का अधिकार रखते हैं. राज्यपाल के आदेश की अवहेलना को लेकर भी परिषद के नेता ने नाराजगी जतायी और शिक्षा विभाग के अफसरों को बेलगाम बताया. उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर लगे रोक को तुरंत हटाने की मांग की.