14 वर्षों से 1.38 अरब खर्च की राशि का नहीं दिया हिसाब
राज्य के सभी 38 जिलों ने एक अरब 38 करोड़ रुपये खर्च का हिसाब नहीं दिया है. वर्ष 2010-11 से वर्ष 2023-24 के बीच यह राशि खर्च की गयी है.
मनोज कुमार, पटना राज्य के सभी 38 जिलों ने एक अरब 38 करोड़ रुपये खर्च का हिसाब नहीं दिया है. वर्ष 2010-11 से वर्ष 2023-24 के बीच यह राशि खर्च की गयी है. ग्रामीण विकास विभाग ने इसकी समीक्षा की है. संबंधित सभी अधिकारियों से विभिन्न कार्यों व योजनाओं में में खर्च राशि का एसी (ऐब्सट्रैक्ट कंटिजेंट) बिल जमा करने का आदेश दिया है. कुल 1819 एसी बिल जमा नहीं हुए हैं कबीर अंत्येष्टि, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, स्वर्ण जयंती रोजगार योजना, 20 सूत्री सदस्यों के गैर सरकारी सदस्यों के कार्यालय, बाढ़- सुखाड़ की आपातकालीन योजना समेत विभिन्न कार्यों में ये राशि खर्च की गयी है. नाली निर्माण, ग्राम पंचायतों के चुनाव, पंचायत सरकार भवन, कब्रिस्तानों की पक्की घेराबंदी, सड़क सुरक्षा उपकर से प्राप्ति अंशदान, कला व संस्कृति संवर्द्धन, दुधारू पशुओं के बदलाव नि:सहायों और दिव्यांगों को नगद भुगतान में इस राशि का इस्तेमाल हुआ है. 2011 की जनगणना में खर्च हुई राशि का ब्योरा नहीं कटिहार जिले में वर्ष 2011 में हुई जनगणना स्थापना खर्च का भी एसी बिल जमा नहीं किया गया है. दिव्यांग छात्रों की छात्रवृत्तियों, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना मुख्यमंत्री सेतु निर्माण, खाद्यान्न की आपूर्ति, प्राकृतिक आपदाओं से राहत के लिए अनुदान मद में खर्च राशि का भी एसी बिल जमा नहीं हुए हैं. पटना, मधुबनी व रोहतास में सबसे अधिक खर्च का हिसाब पेंडिंग पटना में 39 योजनाओं व कार्यों में खर्च राशि का एसी बिल बकाया है. अररिया में 17, औरंगाबाद में 15, बेगूसराय में 22, दरभंगा में 17, पूर्वी चंपारण में 22 व 12 मधेपुरा में 14 योजनाओं में खर्च राशि का ब्योरा बकाया है. मधुबनी में 23, मुजफ्फरपुर में 21, मुंगेर में 10, रोहतास में 23, सहरसा में 23, सारण में 17 व सीतामढ़ी में 17 योजनाओं में खर्च का ब्योरा नहीं दिया गया है. किशनगंज, शेखपुरा अरवल व बांका में सबसे कम पेेंडिंग अरवल में चार, बांका में पांच, भागलपुर में नौ, भोजपुर में पांच, बक्सर में 10 योजनाओं व कार्यों में खर्च राशि का ब्योरा अभी नहीं दिया गया है. गया में सात, गोपालगंज में आठ, जमुई में आठ, जहानाबाद में तीन, कैमूर में छह, किशनगंज में दो, लखीसराय में सात, नालंदा में चार, नवादा में नवादा में आठ, समस्तीपुर में सात, पूर्णिया में पांच व शेखपुरा में दो योजनाओं में खर्च राशि का एसी विपत्र जमा करना शेष है.
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