मसौढ़ी . थाना के तिनेरी मोड़ के पास शनिवार की देर शाम सांसद रामकृपाल यादव की गाड़ी पर की गयी फायरिंग और उनके दो समर्थकों की पिटाई की घटना के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर गोपालपुर मठिया गांव के ग्रामीणों ने पुलिसिया कहर का आरोप लगाया. पुलिस पर आरोप है कि छापेमारी के दौरान आरोपितों के घर में घुसकर उसके परिजनों को प्रताड़ित कर उनकी पिटाई की गयी है और सामानों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. उक्त घटना में आरोपित फरार गौतम कुमार की मां व गांव के अशोक प्रसाद की पत्नी रागमनी देवी ने बताया कि गांव में करीब 150 की संख्या में पुलिस कर्मी आये और जो भी दिखा उसे पीटने लगे. इसके बाद पुलिस उसके घर पहुंची और मुख्य दरवाजे को बंदूक के कुंदे से तोड़ दिया और अंदर घुसकर पेटी बक्सा, पलंग समेत कई सामानों को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया. इतना ही नहीं पुलिस ने इस दौरान घर में मौजूद उसकी बहू जो गर्भवती थी उसे भी मारपीट घायल कर दिया. जाते-जाते पुलिस ने धमकी दिया कि उसका पुत्र जल्द ही हाजिर नहीं हुआ तो सभी को जेल भेज देंगे. गांव के विकास कुमार मां ने बताया कि पुलिस उसके घर में भी तोड़फोड़ की और घर के लोगों के साथ मारपीट की. गांव के वृद्ध सीताराम प्रसाद ने बताया कि उसका पोता बिट्टू कुमार जहानाबाद में एसबीआइ बैंक में काम करता है. घटना के दिन वह यहां नहीं था फिर भी उक्त केस में उसका नाम दे दिया गया. बाद में पुलिस घर में छापामारी करने पहुंची और घर का दरवाजा तोड़ दिया. इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस ने महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की और अंजाम भुगतने की धमकी भी दी. आरोप है कि पुलिस ने इस दौरान करीब आधा दर्जन महिलाओं का मोबाइल जबरन लेकर चली गयी. इधर इस बाबत मसौढ़ी थानाध्यक्ष विजय यादवेंदु से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पुलिस पर लगाया गया यह आरोप झूठा और बेबुनियाद है. पुलिस छापेमारी के लिए गयी थी लेकिन किसी ग्रामीण के साथ कोई गलत बर्ताव नहीं किया गया है. ग्रामीण जानबूझकर ऐसा आरोप लगा रहे हैं.
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