नौ बजे से क्लास, 10 बजे मिलीं लड़कियां, तो एसीएस ने पूछा, स्कूल में लेट जाने पर मास्टर जी छोड़ देते हैं, कुछ नहीं कहते

राज्यभर के सरकारी विद्यालयों की स्थिति की जमीनी पड़ताल में जुटे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ एस सिद्धार्थ ने शनिवार को भी सड़क पर टहलते हुए छात्राओं से बातचीत की. उनका इ-रिक्शा से जाती राजभवन के निकट की स्कूली छात्राओं से बातचीत का वीडियो वायरल हो रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2024 1:36 AM

नौ बजे से क्लास, 10 बजे मिलीं लड़कियां, तो एसीएस ने पूछा, स्कूल में लेट जाने पर मास्टर जी छोड़ देते हैं, कुछ नहीं कहते

– पटना जू सहित अन्य सड़कों पर शनिवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने स्कूली बच्चों से की बातचीत

संवाददाता, पटना

राज्यभर के सरकारी विद्यालयों की स्थिति की जमीनी पड़ताल में जुटे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ एस सिद्धार्थ ने शनिवार को भी सड़क पर टहलते हुए छात्राओं से बातचीत की. उनका इ-रिक्शा से जाती राजभवन के निकट की स्कूली छात्राओं से बातचीत का वीडियो वायरल हो रहा. राजभवन के करीब स्थित स्कूल के सामने दिन के 10 बजे अपर मुख्य सचिव डाॅ सिद्धार्थ पहुंचे, तो वहां एक इ- रिक्शा खड़ी थी, जिस पर स्कूल ड्रेस पहनीं कुछ लड़कियां बैठी थीं. डाॅ सिद्धार्थ ने छात्राओं से विद्यालय विलंब जाने का कारण पूछा, तो छात्राओं ने बताया कि लेट होने पर मास्टर साहब छोड़ देते हैं, कुछ नहीं कहते हैं. इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने इ-रिक्शा चालक की खोज की जो वहां मौजूद नहीं था. उनकी खोज के बाद चालक वहां आया. पूछे जाने पर उसने बताया कि जाम के कारण लेट हो गया है. अमूमन जाम के कारण अक्सर विद्यालय विलंब से ही पहुंचते हैं. इस पर अपर मुख्य सचिव ने पटना डीइओ को जांच का आदेश दिया है. उन्हें कहा गया है कि वे पता लगाएं कि बच्चियां किस विद्यालय की हैं. अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ पिछले एक सप्ताह से अलग-अलग सरकारी स्कूलों में जाकर उनका जायजा ले रहे हैं. पिछले चार जुलाई को तो वे लोकल ट्रेन से बिहिया पहुंच गये और वहां सरकारी विद्यालय का निरीक्षण किया. यही नहीं उन्होंने ट्रेन में भी लोगों से सूबे के शिक्षा व्यवस्था पर काफी देर तक बातचीत की. इस यात्रा के दौरान उन्हें किसी ने नहीं पहचाना. इसके पहले वे गर्दनीबाग के स्लम में घर-घर जाकर बच्चों के स्कूल नहीं जाने का कारण पूछा और उन्हें स्कूल जाने को कहा. इस दौरान वे निकट के सरकारी स्कूल भी गये और शिक्षकों और बच्चों से बात की.

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