बिहार में वर्ष 2010 के बाद से कई भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी. इस मामले को लेकर सरकार ने खूब वाहवाही भी बटोरी थी. आय से अधिक मामले में कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर उनके मकान भी जब्त किए गए थे. लेकिन वर्षों बाद भी इन कार्रवाइयों को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका और यह भ्रष्ट अधिकारी अब भी अपने पदों पर बने हुए हैं और कुछ तो रिटायर भी हो चुके हैं.
सीएम नीतीश कुमार ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए. इस वजह से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी. सभी के जब्त किए गए मकानों में स्कूल खोले गए थे. लेकिन वक्त के साथ इस तरह की कार्रवाई पर विराम लगता चला गया और अब इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने वर्ष 2010 से 2022 तक आय से अधिक संपत्ति के मामले में ऐसे 34 भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की है. इनके मकान भी जब्त किए गए थे. जिसमें स्कूल खोला जाना था लेकिन यह योजना भी पूरी नहीं की जा सकी और न ही इन अधिकारियों पर आगे कोई कार्रवाई की गयी. उस वक्त नीतीश कुमार अपने भाषण में कहा करते थे कि अगर भ्रष्टाचार से धन इकट्ठा कीजिएगा तो उसमें सरकारी स्कूल खुल जाएगा.
इस मामले में आरटीआई(RTI) एक्टिविस्ट प्रकाश राय का कहना है कि 2010 से 2022 तक 34 अधिकारियों के खिलाफ जांच की गयी लेकिन कार्रवाई मुकाम तक नहीं पहुंच सकी. जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गयी या तो वो आज अपने पद पर बने हुए हैं या रिटायर हो चुके है.
बिहार के कानून मंत्री शमीम अहमद का इस मामले में कहना है की राज्य के सीएम और डिप्टी सीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को लेकर कायम है. भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति को जब्त किया जा रहा है. जहां तक जब्त मकान में स्कूल खोलने की बात है तो यह मेरी जानकारी में नहीं है.