बिहार में पिछले साल आयोजित ITI परीक्षा में धांधली मामले में हुई कार्रवाई, तीन दर्जन अधिकारी नपे..
पटना: राज्य में आइटीआइ की परीक्षा में कदाचार रोकने में विफल अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है. राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर श्रम संसाधन विभाग ने कार्रवाई करते हुए लगभग तीन दर्जन अधिकारियों में से कुछ को चेतावनी दी गयी हैं, या उनकी वेतन वृद्धि पर रोक लगायी गयी है. वहीं, कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जिनके प्रमोशन पर रोक के साथ ही कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों के पेंशन में भी कटौती की गयी है. गौरतलब है कि पिछले वर्ष जुलाई अगस्त में हुई परीक्षा के दौरान विभाग ने अधिकारियों को कदाचार मुक्त परीक्षा आयाेजित कराने का सख्त निर्देश दिया था. लेकिन कई केंद्रों पर काफी धांधली हुई जिनमें अधिकारियों की लापरवाही ही सबसे बड़ी कारण बनी थी. हालांकि परिक्षा का आयोजन दुबारा किया गया था लेकिन दोषी अधिकारियों को दंडित करने की बात तय हो गई थी.
पटना: राज्य में आइटीआइ की परीक्षा में कदाचार रोकने में विफल अधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है. राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर श्रम संसाधन विभाग ने कार्रवाई करते हुए लगभग तीन दर्जन अधिकारियों में से कुछ को चेतावनी दी गयी हैं, या उनकी वेतन वृद्धि पर रोक लगायी गयी है. वहीं, कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जिनके प्रमोशन पर रोक के साथ ही कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों के पेंशन में भी कटौती की गयी है. गौरतलब है कि पिछले वर्ष जुलाई अगस्त में हुई परीक्षा के दौरान विभाग ने अधिकारियों को कदाचार मुक्त परीक्षा आयाेजित कराने का सख्त निर्देश दिया था. लेकिन कई केंद्रों पर काफी धांधली हुई जिनमें अधिकारियों की लापरवाही ही सबसे बड़ी कारण बनी थी. हालांकि परिक्षा का आयोजन दुबारा किया गया था लेकिन दोषी अधिकारियों को दंडित करने की बात तय हो गई थी.
पहली बार हुई कार्रवाई
राज्य भर में ऐसा पहली बार हुआ है जब विभाग ने इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों पर कार्रवाई की है. आइटीआइ की परीक्षा कदाचार से मुक्त हो, इसको लेकर विभाग लंबे समय से प्रयासरत हैं. पिछले वर्ष जुलाई अगस्त में हुई परीक्षा के दौरान विभाग ने अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिया था कि हर हाल में कदाचार मुक्त परीक्षा का आयोजन हो. लेकिन जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी उन्होंने विभाग के इस आदेश को खानापूर्ति समझ लिया.
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गया सफल ऑपरेशन…
कई केंद्रों पर हुई थी धांधली
परीक्षा के दौरान पाया गया है कि कई केंद्रों पर काफी धांधली हुई. जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी वे न तो समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचे और ना ही परीक्षा के दौरान सख्ती दिखाई. प्राइवेट आइटीआइ के लिए कुछ अधिकारियों ने जमकर दरियादिली दिखायी. इसका परिणाम हुआ कि कई केंद्रों पर व्यापक अनियमितता की शिकायत आयी. हालांकि अनियमितताओं के आलोक में विभाग ने दोबारा परीक्षा का भी आयोजन किया. लेकिन उसी समय यह तय हुआ जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी.उनकी लापरवाही के कारण परीक्षा में कदाचार हुआ है उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने के कारण दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
विभाग ने पिछले साल यह प्रक्रिया शुरू की. सभी चिन्हित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया और संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने के कारण दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. इसमें चेतावनी सहित अन्य कारवाई की गयी है. इन्हें कहा गया है कि अगली बार ऐसा हुआ तो निलंबन से लेकर बरख़ास्तगी तक की जा सकती है.
इन पर हुई कार्रवाई
अजय कुमार श्रम अधीक्षक सीवान, श्याम प्रकाश शुल्क सहायक निदेशक नियोजन छपरा, नीरज नयन सहायक श्रम आयुक्त दरभंगा, राम मोहन झा उप निदेशक नियोजन मुजफ्फरपुर, विजय कुमार उप श्रमायुक्त गया, भरत जी राम सहायक निदेशक नियोजन गया, आफताब आलम सहायक श्रम आयुक्त मुंगेर, दिनेश तिवारी जिला नियोजन पदाधिकारी लखीसराय, विनोद कुमार प्रसाद श्रम अधीक्षक कटिहार, मनीष तिवारी जिला नियोजन पदाधिकारी कटिहार, सुजीत कुमार श्रम अधीक्षक मधेपुरा, निशांत कुमार सिन्हा सहायक निदेशक नियोजन सहरसा.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya