बिहार में सरकारी जमीन का खाता रैयत के नाम खोलने वाले सीओ पर होगी सीधे कार्रवाई, एडीएम रखेंगे नजर
पहले चरण में राज्य के इन 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण हो रहा है. जय सिंह का कहना है कि विशेष भूमि सर्वेक्षण के दौरान सरकारी जमीन का खाता किसी रैयत के नाम खुला तो संबंधित अंचलाधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा.
बिहार में सरकारी जमीन का खाता रैयत के नाम खुलने पर अंचलाधिकारी (सीओ) पर सीधे कार्रवाई होगी. शिकायत पाये जाने पर एडीएम इसकी अनुशंसा करेंगे. किन अंचलों में कितनी सरकारी जमीन रैयतों के नाम कर दी गयी है इसकी रिपोर्ट भी मांगी गयी है.
भू-सर्वेक्षण एवं परिमाप निदेशक ने जिलों को लिखा पत्र
भू-सर्वेक्षण एवं परिमाप निदेशक जय सिंह ने पश्चिम चंपारण, मुंगेर, बांका, लखीसराय,अरवल, जहानाबाद, सीतामढ़ी, शिवहर, जमुई, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, नालंदा, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार, सुपौल, कटिहार, सहरसा और मधेपुरा के एडीएम को पत्र लिखा है.
20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण
पहले चरण में राज्य के इन 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण हो रहा है. जय सिंह का कहना है कि विशेष भूमि सर्वेक्षण के दौरान सरकारी जमीन का खाता किसी रैयत के नाम खुला तो संबंधित अंचलाधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा. मुख्यालय ने कई जिलों में पाया कि सीओ की मिली भगत से सरकारी जमीन का खाता रैयतों के नाम खोल दिया गया है.
एलर्ट के बाद भी नहीं रुकी गड़बड़ी
पिछले साल नवंबर में सभी अपर समाहर्ताओं को एलर्ट किये जाने के बाद भी सरकारी जमीन रैयती हो गयी. शेखपुरा, जहानाबाद एवं अरवल में सबसे अधिक मामले सामने आये हैं. कई बंदोबस्त पदाधिकारियों ने भूमि सर्वेक्षण में अंचल अधिकारियों के रुचि नहीं लेने की भी रिपोर्ट दी है.
ऐसे सरकारी जमीन का खाता रैयती के नाम हो रहा
बिहार के सभी सर्वे वाले जिलों में राजस्व न्यायिक प्रक्रिया के तहत सरकारी भूमि के स्वामित्व का निर्धारण किया जाता है. इस मामले में जिस दिन सुनवाई होती है उस दिन सीओ नहीं पहुंचते हैं. उनके द्वारा अधिकृत पदाधिकारी भी बतौर सीओ के प्रतिनिधि उपस्थित नहीं रहते. इससे सरकार का पक्ष कमजोर हो जाता है. स्वामित्व परिवर्तन को लेकर सीओ शिविरों को निर्देश भी नहीं देते हैं.