सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आगनबाड़ी सेविका और सहायिका घर-घर पहुंचा रहीं महिलाओं का पोषाहार
लाॅकडाउन की समय- सीमा बढ़ने के कारण आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर-घर जाकर महिलाओं को पूरक पोषाहार पहुंचा रही हैं. वहीं, बच्चों को गर्म खाना दिया जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक राज्य भर में 80 लाख से अधिक लाभुक हैं, जिनको आंगनबाड़ी केंद्र से पूरक पोषाहार दिया जाता है. इनमें बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं शामिल हैं. लाॅकडाउन में महिलाओं को 25 दिनों का राशन दिया जा रहा है.
पटना : लाॅकडाउन की समय- सीमा बढ़ने के कारण आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर-घर जाकर महिलाओं को पूरक पोषाहार पहुंचा रही हैं. वहीं, बच्चों को गर्म खाना दिया जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक राज्य भर में 80 लाख से अधिक लाभुक हैं, जिनको आंगनबाड़ी केंद्र से पूरक पोषाहार दिया जाता है. इनमें बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं शामिल हैं. लाॅकडाउन में महिलाओं को 25 दिनों का राशन दिया जा रहा है.
अधिकारियों के मुताबिक यह प्रकिया अभी 31 मई तक चलेगी.राशन पहुंचाने के दौरान सेविका और सहायिका महिलाओं को कोरोना से बचाव की जानकारी दे रही हैं. महिलाओं को सफाई के बारे में भी बताया जा रहा है. साथ ही यह सलाह दी जा रही है कि जरूरत नहीं हो तो घर से नहीं निकलें. कभी निकलना पड़े तो मुंह, नाक को पूरी तरह से ढक कर निकलें.
लाभुकों के घर तक पहुंच रहा राशन
लाभुकों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषाहार कार्यक्रम के तहत छह माह से 36 माह तक के कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चे के साथ गर्भवती एवं धात्री माताओं को पूरक प्रदान किये जाने का प्रावधान है . छह माह से तीन साल तक के कुपोषित बच्चे को ढाई किलो चावल, सवा किलो दाल, अंडा आठ या आधा किलो सोयाबरी, अति कुपोषित बच्चों को 3.75 किलो चावल, दाल 1.75 किलो, 12 अंडा या 875 ग्राम सोयाबरी, गर्भवती और धात्री महिलाएं को चावल 3.5 किलो, दाल 1.5 किलो और सात अंडा या 450 ग्राम सोयाबरी दिया जा रहा है.