बिहार: 1997 में पुलिसकर्मियों ने भागलपुर में जज को पीटा था, 24 साल बाद एकबार फिर दोहराया कुकत्य
बिहार के मधुबनी में झंझारपुर के एडीजे को थानेदार और एएसआई ने उनके चेंबर में घुसकर पीटा. जज को पीटने का ऐसा ही मामला करीब 24 साल पहले आया था जब भागलपुर में एडीजे को मारने पुलिसकर्मी कोर्ट में घुस गये थे.
मधुबनी के झंझारपुर में एडीजे अविनाश कुमार के साथ दो पुलिसकर्मियों ने उनके चेंबर में घुसकर मारपीट की. बिहार का यह मामला अभी गरमाया हुआ है. एक जज को पीटने के आरोपित थानेदार और ASI को हिरासत में ले लिया गया है. ऐसा वाक्या करीब 24 साल के बाद फिर देखने को मिला जब एक एडीजे को पुलिसकर्मी पीट दे. 1997 में भागलपुर में भी कुछ ऐसा ही कुकृत्य किया गया था.
गुरुवार को मधुबनी के झंझारपुर में एडीजे अविनाश कुमार से पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी की. थानेदार और एएसआई ने चेंबर में घुसकर जज के साथ मारपीट की. थानेदार पर लोडेड सर्विस रिवॉल्वर तानने का भी आरोप है. मामला सामने आने के बाद पुलिसकर्मियों के इस कुकृत्य की निंदा सभी जगह हो रही है. लोगों का कहना है कि बिहार पुलिस के साथ ही पूरे राज्य का इससे सिर झुका है.
जज की पिटाई का मामला कोई नया नहीं है. बिहार के भागलपुर में इससे पहले पुलिसकर्मियों ने एडीजे के साथ बदसलूकी की थी. 18 नवंबर 1997 को पुलिस बर्बरता ने न्यायपालिका पर प्रहार किया था. निशाने पर एडीजे बरई थे. एक आपराधिक मामले में ट्रायल के दौरान आईओ जोखू सिंह की गवाही अधूरी थी. अदालत ने बार-बार तारीख पर बुलाया लेकिन आईओ नहीं आए. जिसके बाद अदालत की अवमानना का मामला बना और गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया. गिरफ्तारी का आदेश जारी होते ही आईओ अदालत आ गये और वारंट के मद्देनजर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
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1997 में गिरफ्तारी के बाद जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद उसे स्वीकार कर लिया गया. लेकिन थोड़ी ही देर बाद भारी संख्या में पुलिस के अधिकारी और कर्मी लाठी व अन्य हथियारों के साथ कोर्ट रुम में आ गये थे. एडीजे के खिलाफ नारेबाजी से अदालत परिसर में हड़कंप मच गया था. जान बचाने के लिए एडीजे अपने चेंबर में भाग गये थे और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था. एडीजे के सहकर्मियों की पिटाई की गई थी. दरवाजा तोड़कर अंदर छिपकर बैठे एडीजे को भी पीट दिया था.
भागलपुर में एडीजे को पिटाई के मामले पर हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी. कहा था कि पुलिस अधिकारियों ने हत्या की नीयत से ये हमला किया. वहीं झंझारपुर में फिर दोहराए इस मामले पर उच्च न्यायालय गंभीर है. इस मामले में मुख्य सचिव, गृह विभाग के प्रधान सचिव, डीजीपी व एसपी को नोटिस भेजा है. आरोपित पुलिसकर्मियों को हिरासत में ले लिया गया है.