Farmer News: बिहार में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. नये साल के आगमन के साथ ही कनकनी वाली ठंड अब शुरू हो गयी है. कहीं कुहासे का प्रकोप बढ़ा हुआ है तो वहीं अधिकतर जगहों पर धूप के दर्शन दुर्लभ दिखने लगे हैं. अधिकतर जिलों का पारा लुढ़कने लगा है. कई जिलों में तापमान 10 डिग्री के नीचे जा चुका है. इधर, मौसम के बदले हुए तेवर को देखते हुए किसानों को भी सतर्क किया गया है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर भागलपुर ने किसानों के लिए डिजिटल एडवायजरी जारी करना शुरू किया है.
किसानों को खेती के लिए दिया जा रहा सुझाव
मौसम में बदलाव को देखते हुए बिहार के किसानों को कृषि परामर्श दिया जा रहा है. मौसम आधारित इस कृषि सुझाव में आने वाले दिनों के मौसम की भविष्यवाणी के अनुसार, विभिन्न फसलों की खेती से जुड़ी बातें बतायी जाएगी. किसानों को इस एडवायजरी में बताया जाएगा कि बुआई कब करें, कृषि रसायनों का छिड़काव करें या नहीं करें. मौसम को देखते हुए कटनी या दौनी करें या नहीं, इत्यादी जानकारी भी दी जाएगी.
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डिजिटल एडवायजरी से क्या होगा फायदा?
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर के विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने बताया कि यह डिजिटल एडवायजरी मौसम के हिसाब से तैयार की जा रही है. किसानों को इससे तुरंत जानकारी मिलेगी और कृषि लागत में कमी आएगी. प्रत्येक मंगलवार को यह एडवायजरी जारी की जाएगी. किसान घर बैठे ही कृषि आधारित सूचनाएं ले सकेंगे.
बिहार में बढ़ने लगा ठंड का सितम
बता दें कि बिहार में मौसम का मिजाज बदल चुका है. पिछले साल में इस बार ठंड का प्रकोप दिसंबर के आखिरी दिनों में भी उस तरह नहीं दिखा जैसा इस महीने में होना चाहिए. लेकिन कुहासे और पछुवा हवा के कारण कनकनी महसूस होती रही. वहीं नए साल के आगमन के साथ ही ठंड में बढ़ोतरी हुई है. किसानों को विशेष सुझाव दिया गया है ताकि उन्हें फसल संबंधित नुकसान नहीं उठाना पड़े. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर ने इसे लेकर कृषि सुझाव देना शुरू किया है.