Bihar News: पटना हाईकोर्ट द्वारा गठित अधिवक्ताओं की टीम ने पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य का निरीक्षण कर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को रिपोर्ट सौंप दी है. मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और मरम्मत कार्य में देरी क्यों हो रही है, इस बात की जांच के लिए अधिवक्ताओं की एक टीम गठित की थी.
5 अगस्त तक टली सुनवाई
पटना हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं की टीम को स्वयं हाईवे का निरीक्षण कर अगली सुनवाई पर अपनी रिपोर्ट खंडपीठ को सौंपने को कहा था, ताकि पता चल सके कि इस हाईवे के निर्माण का कितना काम हो चुका है और कितना बाकी है. सुनवाई के समय बिजली विभाग के अधिवक्ता के अनुपस्थित रहने के कारण इस मामले की सुनवाई 5 अगस्त 2024 तक के लिए स्थगित कर दी गई. कोर्ट ने बिजली विभाग के अधिवक्ता को इस हाईवे के निर्माण के संबंध में की जा रही कार्रवाई का ब्योरा देने का निर्देश दिया है.
अधिवक्ताओं की रिपोर्ट में क्या है?
इस संबंध में अधिवक्ताओं की समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 83 के कार्य की प्रगति अच्छी है. जो भी समस्याएं थीं, उनका काफी हद तक समाधान हो चुका है. न्यायालय ने अधिवक्ता रूना को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए 20 जुलाई 2024 को इस राजमार्ग का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है. उनके साथ केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता के एन सिंह और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार भी निरीक्षण दल में शामिल थे.
अड़चने हो गई दूर
अधिवक्ता रूना ने बताया कि निर्माण कार्य में प्रगति हो रही है जो भी अड़चने थी, उन्हें काफी हद तक दूर किया जा चुका. पिछली सुनवाई मे कोर्ट के समक्ष एनएचएआइ ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से संबंधित प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत किया था.
प्रतिज्ञा नामक संस्था ने दायर की है याचिका
प्रतिज्ञा नामक संस्था की ओर से दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान एनएचएआई ने कोर्ट को बताया था कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. कोर्ट को बताया गया कि पटना के पास नाथूपुरा और सरिस्ताबाद के बीच लिंक रोड बनाने का काम चल रहा है. इस लिंक रोड को बनाने का काम चल रहा है, लेकिन इस पर पूरी तरह से यातायात शुरू करने के लिए डायवर्सन और लिंक रोड बनाने होंगे.