संवाददाता, पटना केंद्रीय एमएसएमइ मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि एससी-एसटी की जो जातियां आरक्षण के लाभ से वंचित हैं, उन्हें आरक्षण में उपवर्गीकरण ( कोटा में कोटा) कर लाभ दिया जाना चाहिए. संपन्न दलित यह झूठ फैला रहे हैं कि आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है. आजादी के 78 साल बाद भी संपन्न दलित ही 95% नौकरी और तमाम सुविधाओं का लाभ लेते रहे हैं. आरक्षण में जातियों के उपवर्गीकरण को यथाशीघ्र लागू कर सुप्रीम कोर्ट की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए. इसे लागू करने के लिए दबाव बनाने को लेकर गांधी मैदान में रैली की जायेगी. श्री मांझी मंगलवार को पटना के रवींद्र भवन में 18 एससी-एसटी जातियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इसमें मुसहर-भुइयां, डोम, मेहतर तूरी, रजवार, भोक्ता, घुमंतू आदि जातियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. भारत बंद अनुचित और नेतृत्व विहीन : श्री मांझी ने कहा कि 21 अगस्त को भारत बंद नेतृत्व विहिन और अनुचित है. 18 जाति के लोग इस बंद में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने आरक्षण की समीक्षा करने, 18 जातियों को कम से कम दस फीसदी आरक्षण देने, बिहार में भी हरियाणा की तरह आरक्षण में वर्गीकरण की मांग की. बिहार सरकार के मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन ने कहा कि हम किसी का विरोध नहीं करते. लेकिन, जो वंचित रह गये हैं, उनकी सुविधा की वकालत करते हैं. वंचित तबका जीतनराम मांझी के नेतृत्व में आगे चलें. मौके पर संजय वाल्मीकि, अधिवक्ता शंकर मांझी, डॉ हलेश मांझी, रामप्यारे प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, जॉर्ज मांझी, हरेंद्र भोक्ता, वीरेंद्र तुरी, मन्नू राठौर, अजय हांडी, पंकज वाल्मीकि, मलिक, धर्मेंद्र, देवघर से संजय, कृष्ण रजवार, राकेश डोम अरूण नाथ, लाल मांझी, मोहन मांझी, नारायण प्रसाद मांझी, जिला पार्षद दीपक मांझी, रूबी देवी, देवेंद्र मांझी, उमेश मांझी, मिथिलेश ऋषि देव आदि थे.
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