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Bihar News: पहचान छिपाकर पटना में रह रहा था अफगानी नागरिक, पोल खुली तो पुलिस ने केस दर्ज किया

एक अफगानी नागरिक अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था. जब उसकी पोल खुली तो पुलिस ने केस दर्ज किया है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | August 22, 2024 8:29 AM

Bihar News: एक अफगानी नागरिक द्वारा अपनी मूल नागरिकता छिपा कर पटना से पासपोर्ट बनवाने का मामला प्रकाश में आया है. यह मामला सामने आने के बाद रिजनल पासपोर्ट ऑफिसर ताविशी बहल पांडेय ने 23 नवंबर 2023 को एसएसपी राजीव मिश्रा को शिकायत की. इसके बाद एसएसपी ऑफिस से गांधी मैदान थाना में आवेदन पहुंचा और 16 अगस्त को बली खान के खिलाफ में गांधी मैदान थाने में आइपीसी की धारा 467, 468, 471 व पासपोर्ट एक्ट के 12 की धारा के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.

शक होने पर हुई जांच तो खुला पोल

अफगानी नागरिक बली खान का पासपोर्ट 16 मार्च 2023 को पटना के पासपोर्ट कार्यालय से जारी किया गया था. जिसका पासपोर्ट नंबर डब्ल्यू 7177815 है. इसके बाद शक होने पर पासपोर्ट कार्यालय ने जांच की तो उसके अफगानी नागरिकता को छिपाने की जानकारी मिली थी.

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पुलिस वेरीफिकेशन में भी नहीं चला पता

आरोपों के अनुसार, उसने अपनी नागरिकता को छिपा कर पटना का वासी होने की जानकारी व आवश्यक दस्तावेज देकर पासपोर्ट बनवा लिया. उसने अपने पासपोर्ट के लिए दिये आवेदन में अपना पता फ्रेजर रोड पटना सुपर मार्केट बी ब्लॉक फ्लैट नंबर 303 दिया था. इसके बाद उसके दिये गये दस्तावेज व पुलिस वेरीफिकेशन के दस्तावेज के आधार पर कार्यालय ने पासपोर्ट जारी कर दिया.

पासपोर्ट अधिकारी ने पुलिस को क्या बताया?

पासपोर्ट अधिकारी ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने अपनी मूल नागरिकता को छिपा कर भारतीय होने की जानकारी देकर पासपोर्ट बनवा लिया. यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला भी हो सकता है. इस संबंध में गांधी मैदान थानाध्यक्ष सीताराम प्रसाद ने बताया कि केस दर्ज कर लिया है. इसके बाद बली खान को बुला कर पूछताछ की गयी. जिसमें उन्होंने जानकारी दी है कि वे करीब 20-25 साल से पटना में ही रह कर कपड़ा का कारोबार कर रहे हैं. उनके पिता जंगुल खान भी यहीं रहते हैं. अफगानी नागरिक बली खान ने बताया है कि उसके पासपोर्ट के लिए दिये गये आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज सही हैं. साथ ही उसने आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि दस्तावेज भी दिखाया. इसके बाद उन्हें फिलहाल छोड़ दिया गया है. जांच की जा रही है, उसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा.

नौ माह बाद केस हुआ दर्ज

इस मामले में अब एक और सवाल खड़ा हो गया है कि पासपोर्ट अधिकारी ने जब पिछले साल 20 नवंबर को एसएसपी को लिखित शिकायत भेजा था. लेकिन केस दर्ज करने में नौ माह लग गये. जबकि पासपोर्ट अधिकारी ने सारे दस्तावेज के साथ अपनी लिखित शिकायत को भेजा था.

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