बिहार के युवक नौकरी के चक्कर में विदेश जाकर होते हैं ‘टॉर्चर’, भागकर घर आए शुभम ने बतायी रूह कांपने वाली कहानी
Bihar News: बिहार के युवक नौकरी के चक्कर में विदेशों में जाकर अपराधी गिरोह के बीच फंसते है. किसी तरह भागकर अपने घर लाैटे एक युवक ने पूरी कहानी बतायी है.
गोविंद कुमार, गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज के युवकों को नौकरी का झांसा देकर विदेश भेजा जाता है और वहां अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए मजबूर किया जाता है. एनआइए, इओयू और बिहार पुलिस दूसरे देशों में फंसे नागरिकों की जांच कर रही है. टूरिस्ट वीजा पर जाकर करीब 47 नागरिक थाईलैंड, म्यांमार और कंबोडिया में फंसे हैं. इस दलदल से वापस लौटे सुजीत ने पूरी दास्तां बतायी है.
गोपालगंज के 47 युवक अलग-अलग देशों में फंसे
गोपालगंज के युवाओं को टूरिस्ट वीजा पर दलाल कंबोडिया, थाइलैंड, म्यांमार और लाओस भेजते हैं और वहां उन्हें साइबर फ्रॉड करने के लिए गलत काम में धकेल दिया जाता है. इन युवकों को टॉर्चर करके इस काम में जबरन लगाय जाता है. गोपालगंज जिले के करीब 47 युवक अलग-अलग देशों में फंसे थे, जहां इनसे साइबर फ्रॉड का काम करवाया जाता था. पुलिस की मानें तो भारतीय दूतावास की मदद से कई युवकों को उनके घर वापस पहुंचाया जा चुका है.
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शुभम ने घर लौटकर बतायी दर्दनाक कहानी
गोपालगंज के हथुआ का शुभम कुमार भी एजेंटों के जाल में फंस चुका था. जब वो दूतावास की मदद से कंबोडिया से वापस लौटा तो उसने बताया कि उसे एजेंट ने 70 हजार रुपए हर महीने सैलरी की बात कहकर मॉल में काम करने के नाम पर भेजा था. लेकिन थाइलैंड जाने के बाद उसे कंबोडिया भेज दिया जहां उसे साइबर फ्रॉड का काम करवाया जाने लगा. विरोध करने पर करंट का झटका दिया जाता था. किसी तरह वो भागकर भारतीय दूतावास पहुंचा तो घर लौट सका.
पिता की मौत के बाद पैसे के लिए चले गए थे विदेश
शुभम ने बताया कि उनकी तरह बिहार के कई युवा वहां फंसे हैं. बताया कि कोविड में उसके पिता का निधन हो गया तो पैसे की जरूरत पड़ी. इसलिए दूसरे देश में कमाने जान पड़ा. लेकिन वहां जाकर जाल में फंस गया. वहीं गोपालगंज के एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि शुभम ने साइबर थाने में केस दर्ज कराकर 5 लोगों को अभियुक्त बनाया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.