पटना: तिनका-तिनका जोड़ कर अपना आशियाना हाेने के हजारों लोगों के सपने को अग्रणी होम्स ने तोड़ दिया. फ्लैट देने के नाम पर लोगों से एडवांस राशि ली गयी, लेकिन 10 साल बाद भी लोगों को उनका अपना आशियाना नहीं मिला है. किसी खाली जमीन की तरह खुद को भी खाली देख लोगों का सब्र टूटने लगा है. बिल्डर के खिलाफ लोगों ने लगभग डेढ़ घंटे तक कैंडिल मार्च निकाल कर विरोध किया. पिछले तीन दिनों से डाक बंगला चौराहा से एलआइसी बिल्डिंग के आगे तक सैकड़ों लोग मोमबत्ती जला कर आक्रोश का इजहार कर रहे हैं. लोगों ने बिहार व यूपी के सीएम सहित रेरा से बिल्डर पर कार्रवाई के साथ खरीदारों की राशि वापस कराने को लेकर गुहार लगायी है.
पावरग्रिड के कर्मियों ने पावर वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के बैनर तले विरोध में शामिल हुए. पावरग्रिड के लगभग चार सौ लोगों को बिल्डर द्वारा ठगा गया है. दानापुर, संपतचक व यूपी के वाराणसी में फ्लैट देने के नाम बिल्डर ने बुकिंग की थी. विरोध में शामिल राज कुमार सिंह ने बताया कि लगभग छह हजार लोगों को सड़क पर लाकर छोड़ दिया है. बिल्डर द्वारा कई जगहों पर की जमीन बेच दी गयी है. इसके बावजूद फ्लैट खरीदार की राशि नहीं लौटा रहा है. बिल्डर द्वारा साल 2000 में फ्लैट की बुकिंग करा कर 2014 तक देने की बात कही थी.
मार्च में शामिल जयशंकर ने बताया कि फ्लैट देने के नाम पर एडवांस राशि ली गयी. इसके बाद लोगों को बस कागज पर सपने दिखा कर ही लूट लिया. आज भी कई लोग अपने वेतन से लोन का पैसा कटवा रहे हैं. कई लोगों के जीवन भर की कमाई कंपनी के एमडी अालोक कुमार सिंह ने अपनी ऐयाशी को पूरा करने मे खर्च कर दी.
बिल्डर की कंपनी के खिलाफ लोगों ने रेरा में अपनी शिकायत दर्ज करायी. संतोष कुमार पाठक ने बताया कि रेरा से बस कार्रवाई का आश्वासन ही मिलता रहा है. पटना व वाराणसी में केस दर्ज होने के बाद भी पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. बिल्डर से परेशान लोगों ने बताया कि बिल्डर अपना पाटलिपुत्र गोलंबर स्थित कार्यालय भी बेच कर फरार है. अब बिल्डर से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है.
पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के 428 कर्मियों ने फ्लैट की बुकिंग करायी थी. इसमें दानापुर के लिए 103 कीमत 13 करोड़, संपतचक में 100 कीमत छह करोड़ व वाराणसी के लिए 225 लोगों ने बुकिंग करायी थी. उसकी कीमत लगभग 13 करोड़ थी. बिल्डर को 2018 तक फ्लैट देना था. लेकिन कोई भी काम नहीं किया गया. अब बिल्डर का कोई पता नहीं है. पटना व वाराणसी में मुकदमा दर्ज हाने के एक साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
अपना आशियाना होने का सपना देख कर फ्लैट की बुकिंग करायी थी. इस तरह का धोखा मिलेगा सपने में भी नहीं सोचा था. सपना बिखरता दिख रहा है. जीवन भर की कमाई भी चली गयी.
गणेश प्रसाद गुप्ता, यारपुर
फ्लैट लेने के लिए लोन लिया था. लोन चुकाते रहे, लेकिन अपना घर आज तक नहीं हो सका. पिछले दस साल से अपने घर के इंतजार में है. बिल्डर ने धोखा दिया. उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
साहेब लाल सिंह, करौटा
गहना गिरवी रख कर फ्लैट की बुकिंग कराने के लिए राशि जुटायी थी. किस्तों में पैसा देना था. यह सोच कर कि एक दिन अपना घर होगा. अब वह सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है.
नेहा कुमारी, बेली रोड
शहर में एक घर हो इसके लिए फ्लैट की बुकिंग करायी थी. दानापुर में बिल्डर द्वारा फ्लैट मिलना था. इसके लिए पाई-पाई जोड़ कर राशि जमा करते थे. बुकिंग करा कर केवल कागज थमा दिया.
बबीता कुमारी, खगौल
Posted By: Thakur Shaktilochan Shandilya