संजीव झा, भागलपुर
Agwani Pul Sultanganj गंगा नदी पर निर्माणाधीन सुलतानगंज-अगुवानी टू बाइ टू पुल को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नौ शर्तों के साथ पर्यावरण मंजूरी (एनवायरॉनमेंटल क्लियरेंस) दे दी है. पर्यावरण मंजूरी नहीं मिलने से निर्माण के काम में अड़चनें पैदा हो गयी थीं. अब यह काम निर्धारित शर्तों के अनुसार बेझिझक जारी रह पायेगा. पर्यावरण मंजूरी के लिए निर्माण एजेंसी ने 26 फरवरी, 2019 को आवेदन समर्पित किया था और पांच वर्षों के बाद 30 मई काे मंजूरी का पत्र मंत्रालय के वैज्ञानिक (इ) डॉ सुधीर चिंतालपति ने बिहार सरकार के पर्यावरण व वन विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजा है.
एनएच-80 और एनएच-31 को जोड़ने वाली पहुंच सड़क के साथ सुल्तानगंज और अगुवानी घाट के बीच गंगा नदी पर पुल के निर्माण के लिए विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य से 4.22 हेक्टेयर का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन इस अभयारण्य में किसी प्रकार की गतिविधि तभी हो सकती है, जब वन विभाग की मंजूरी हो. इस कारण इस क्षेत्र के उपयोग का प्रस्ताव पुल निर्माण एजेंसी ने मंत्रालय को सौंपा था. इस पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री की अध्यक्षता में 25 अप्रैल को आयोजित राष्ट्रीय वन्य जीवन बोर्ड की स्थायी समिति की 72वीं बैठक में मंजूरी दी गयी.
इन शर्तों के अधीन होगा पुल का निर्माण
1. उपयोगकर्ता एजेंसी निर्माण के दौरान पानी के प्रवाह को नहीं रोकेगी, न बदलेगी, न ही उसे नियंत्रित करेगी.
2. अभयारण्य क्षेत्र में किसी भी वन्यजीव को नुकसान, शोषण या नष्ट नहीं करेगी और इसे सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी.
3. प्रस्तावित क्षेत्र की कानूनी स्थिति अभयारण्य के हिस्से के रूप में रहेगी और वन विभाग, बिहार के नियंत्रण में रहेगी.
4. उस क्षेत्र में वन्यजीवों पर निर्माण के प्रभाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा और शोर को सीमा के भीतर रखा जायेगा.
5. नदी में कोई भी मलबा नहीं डाला जायेगा. निर्माण मलबे का निस्तारण अभयारण्य के बाहर और सुरक्षित दूरी पर किया जायेगा.
6. नदी तल से निकलनेवाले सभी मलबे को नदी और उसके बाढ़ क्षेत्र से बाहर निकालने से पहले जीवाश्मों की जांच की जायेगी. पाया गया कोई भी जीवाश्म वन्यजीव वार्डन, भागलपुर के पास जमा किया जायेगा.
7. घाट निर्माण को छोड़ कर नदी तल से छेड़छाड़ नहीं की जायेगी.
8. निर्माण कार्य दिन में सुबह से शाम तक संपादित किया जायेगा.
9. उपयोगकर्ता एजेंसी अभयारण्य क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन के हित में आवश्यक समझी जानेवाली मुख्य वन्यजीव वार्डन, बिहार द्वारा लगायी गयी किसी भी अतिरिक्त शर्तों का अनुपालन करेगी.
पुल के पिलर नंबर-10 के पास बनेगी डॉल्फिन वेधशाला
सुलतानगंज-अगुवानी पुल परियोजना विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य से होकर गुजरती है. राज्य प्राधिकरण ने न केवल नदी पार करने के लिए, बल्कि लोगों के बीच डॉल्फिन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक पुल बनाने का निर्णय लिया है. इसके तहत पुल के पिलर नंबर-10 के पास एक डॉल्फिन वेधशाला का निर्माण होगा, जो मुख्य नदी मार्ग के भीतर है. वेधशाला पर लगभग चार करोड़ की लागत आयेगी. यह प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों को आकर्षित करेगा. इससे डॉल्फिन व अन्य खतरे वाली जलीय प्रजातियों के संरक्षण के बारे में स्थानीय जन जागरूकता पैदा करने में भी मदद मिल सकती है.