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एआइ ने बदला शेयर मार्केट में निवेश का अंदाज, युवा निवेशक उठा रहे हैं लाभ

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) ने विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति लाने के बाद अब शेयर मार्केट में निवेश के अंदाज को भी बदल दिया है

पटना. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) ने विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति लाने के बाद अब शेयर मार्केट में निवेश के अंदाज को भी बदल दिया है. शेयर मार्केट में निवेश करने में निर्णय में यह निवेशकों के लिए मददगार बन रहा है. एआइ का सबसे अधिक प्रयोग युवा निवेशक कर रहे हैं. पटना के शेयर कारोबारी और युवा निवेशक भी एआइ के उपयोग से मार्केट में हर दिन होने वाले उतार-चढ़ाव, कंपनी की विशेष जानकारी एक क्लिक में प्राप्त कर रहे हैं. मार्केट के जानकारों की मानें, तो ट्रेडिंग में एआइ का प्रयोग लाभ के साथ नुकसान से भी जुड़ा है. एआइ कुछ पूर्व निर्धारित बिंदुओं के आधार पर रिजल्ट देता है, जबकि किसी अन्य सेगमेंट में बदलाव पूरे मार्केट को प्रभावित कर सकता है. कैलसूमी इन्फोटेक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अखिलेश कुमार ने बताया कि वित्तीय परिदृश्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के निर्भीक प्रवेश ने स्टॉक निवेश और ट्रेडिंग के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाया है. दूसरे शब्दों में एआइ वित्त के गतिशील क्षेत्र में एक गेम चेंजर के रूप में उभरा है, जिसने निवेशकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा स्टॉक मार्केट की गतिविधियों का विश्लेषण और भविष्यवाणी करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव किया है. उन्हाेंने बताया कि स्टॉक की कीमतों की भविष्यवाणी करने के लिए एआइ का उपयोग करने की इच्छा केवल प्रचार नहीं है, बल्कि यह ठोस परिणामों द्वारा समर्थित है. उदाहरण के लिए एआइ संचालित हेज फंड ने पारंपरिक निवेश विधियों की तुलना में बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है. इसने तीन वर्षों में 34 फीसदी का संचयी रिटर्न दिया है, जो इसी अवधि में वैश्विक उद्योग औसत से लगभग तीन गुना अधिक है. एफपीकेसी प्राइम के बिहार प्रमुख राजीव लोचन पंकज ने बताया कि एआइ इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. एआइ उपकरण और एल्गोरिदम निवेश के निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेजी और सटीकता के साथ अनुकूल करते हैं, जैसे कि शेयर बाजार के रुझान का विश्लेषण, पोर्टफोलियो प्रबंधन और जोखिम मूल्यांकन. लेकिन, इसके साथ ही कुछ चिंताएं भी हैं. एआइ सिस्टम की विश्वसनीयता और पारदर्शिता, डेटा सुरक्षा, और संभावित पूर्वाग्रह जैसे मुद्दे निवेश पर प्रभाव डाल सकते हैं. जब एआइ आधारित अनुशंसाओं पर भरोसा किया जाता है, तो यह जरूरी है कि निवेशकों को समझ हो कि एल्गोरिदम, डेटा और धारणाओं पर काम कर रहे हैं, ताकि वे सूचित निर्णय ले सकें और अप्रत्याशित जोखिमों से बच सकें. शेयर मार्केट के विशेषज्ञ और कारोबारी विकास बरौलिया ने बताया कि एआइ ने भारतीय शेयर बाजार को विभिन्न तरीकों से प्रभावित कर रहा है. एल्गोरिदम ट्रेडिंग इसका बड़ा उदाहरण है. इसके द्वारा किये गये निवेश में भावना की कोई जगह नहीं होती है. यह पूरी तरह से फार्मूला बेस होता है. लेकिन इसमें कभी-कभी बहुत जोखिम भी दे जाता है. इसका बड़ा उदाहरण फ्रेक ट्रेंड है. कुल मिलाकार एआइ बाजार के डेटा को बहुत तेज तरीके से विश्लेषण करके बाजार को संतुलित बनाने में सहयोग करता है. अलगो ट्रेडिंग काफी लोकप्रिय है. ————————– एआइ ट्रेडिंग के जोखिम : – बेहतर दक्षता के बावजूद एआइ ट्रेडिंग सिस्टम को मार्केट जोखिमों का खतरा बना रहता है. -एआइ सिस्टम जटिल विश्लेषण और स्ट्रेटेजी का उपयोग करता है, जिसका विश्लेषण करना मुश्किल होता है. – एआइ स्टॉक ट्रेडिंग में इस्तेमाल किये जाने वाले डेटा पर निर्भर करता है. परिणाम की गुणवत्ता केवल उतनी ही अच्छी होती है, जितनी ही सिस्मट में डाटा लगाया जाता है. – यह सिस्टम पहले से निर्धारित नियमों के आधार पर ट्रेडिंग चलाता है, जो अचानक होने वाले मार्केट के बदलावों को पहचानने में असफल हो सकता है, जिससे बड़ी गड़बड़ियां हो सकती हैं. – यह सिस्टम पुराने डेटा पर अधिक निर्भर रहता है. इसलिए अगर मार्केट की स्थिति काफी बदल गयी है, तो यह मॉडल कुशलतापूर्वक काम नहीं कर सकता है. —————– ये हैं एप : मेटा स्टॉक ट्रेंड आइडिया स्टॉक हीरो ब्लैक बाक्स टिकर ऑन इक्यूबोट ट्रेंड स्पाइडर क्यूआनेट कंटेक्ट

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