Air quality index: श्रीनगर से बेहतर पटना की हवा, 50 पर पहुंची एक्यूआइ, जानें वजह
गुरुवार काे पटना शहर की हवा की गुणवत्ता ने श्रीनगर जैसे हिल स्टेशन को भी पीछे छोड़ दिया. बारिश व दो-तीन दिनों से लगातार तापमान के स्थिर रहने का असर दिखा है.
अनुपम कुमार,पटना : बारिश व दो-तीन दिनों से लगातार तापमान के स्थिर रहने से पटना शहर की हवा की गुणवत्ता में इतनी वृद्धि हुई कि यह श्रीनगर जैसे हिल स्टेशन से भी गुरुवार को बेहतर हो गयी. शाम 5.05 बजे शहर के पांच मॉनीटरिंग स्टेशनों पर लिये गये आंकड़े बताते हैं कि शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स घट कर 50 पर पहुंच गया, जबकि श्रीनगर का एयर क्वालिटी इंडेक्स इसी अवधि में 51 रहा.
पटना का एक्यूआइ
बेंगलुरू और पडुचेरी जैसे स्थानों की तुलना में भी पटना का एक्यूआइ कम रहा, जिनकी हवा की क्वालिटी बेहतर मानी जाती है. यह आंकड़ा इसलिए भी हैरत में डालता है कि अनलॉक में जब शहर पर दौड़ने वाले वाहनों की संख्या घट कर 10 फीसदी से भी नीचे आ गयी थी और आठ-10 लाख से घट कर यह एक लाख से भी कम रह गयी थी, उन दिनों भी शहर का एक्यूआइ 100 से अधिक ही रहता था. कंप्लीट लॉकडाउन के दौरान भी 113 से 118 के बीच ही यह दर्ज किया गया.
बारिश में धुला प्रदूषण :
विशेषज्ञों की मानें तो बारिश के मौसम की वायु गुणवत्ता सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका रही. इसके कारण वायुमंडल में तैरते धूल कण और प्रदूषणकारी गैस धुल कर नीचे जमीन पर आ गये. साथ ही मिट्टी के भींगने के कारण धूल उड़ने की रफ्तार भी बेहद कम रही.
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हवा की धीमी गति से भी घटा प्रदूषण
प्रदूषण के कम होने की वजह हवा का नहीं चलना या बेहद धीमी गति से चलना भी रहा. हवा के नहीं चलने के कारण गंगा तट और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से उड़कर शहर में बालू या धुलकणों के प्रवेश की मात्रा बेहद सीमित रही है. इसके कारण भी शहर में प्रदूषण घटा है.
शहर और एक्यूआइ
पटना 50
श्रीनगर 51
बेंगलुरु 53
पुडुचेरी 70
तापमान स्थिर रहने से भी बदली स्थिति
पिछले तीन-चार दिनों से शहर के तापमान में कमी या वृद्धि नहीं हुई है. लिहाजा हवा न के बराबर चली है, क्योंकि इसकी उत्पत्ति ही तापमान के अंतर से होती है. इसके कारण भी बाहर से धूलकण और अन्य प्रदूषणकारी तत्व नहीं आये हैं, जिससे एक्यूआइ में तेज सुधार आया है.
-डाॅ अशोक कुमार घोष, अध्यक्ष, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
सड़क की बेहतर सफाई से भी कम हो रहे धूलकण
मौसम के साथ-साथ धूलकण की मात्रा घटने की एक वजह शहर की सड़कों की बेहतर सफाई भी रही है. इलेक्ट्रिक बस और सीएनजी बसों के परिचालन में आने से भी वायुमंडल में प्रदूषणकारी गैसों की मात्रा घटी है. साथ ही हमारे प्रयासों से लिये जा रहे अन्य उपायों का भी असर दिख रहा है.
-डॉ नवीन कुमार, मुख्य वैज्ञानिक, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड
Published By: Thakur Shaktilochan