सीएम नीतीश कुमार के दफ्तर पर आतंकी हमले की चेतावनी का क्या है सच? जांच एजेंसियां हुईं सक्रिय…
बिहार के मुख्यमंत्री कार्यालय को बम से उड़ाने की जो धमकी हाल में ईमेल के जरिए दी गयी है उसकी हकीकत क्या है. ये जांच का विषय है. जांच एजेंसियां सक्रिय हो गयी हैं.
पटना सीएमओ यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दफ्तर को बम से उड़ाने की धमकी पिछले दिनों ईमेल के जरिये दी गयी थी. अलकायदा संगठन के नाम से ये धमकी दी गयी थी जिसने प्रशासन के भी रोंगटे खड़े कर दिये हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच भी शुरू कर दी गयी है. सीएम दफ्तर पर हमले की चेतावनी किसी शरारती तत्व की करतूत है या फिर किसी साजिश को अंजाम देने की कहीं तैयारी चल रही है, इसका पता लगाया जा रहा है. अब मामले की जांच साइबर सेल ने शुरू कर दी है.इओयू और एटीएस भी इस जांच में मदद कर रही है.
साइबर सेल, EOU और ATS सक्रिय, पुलिस का जानिए दावा…
पटना में स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय(CMO) को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के मामले की जांच साइबर सेल ने शुरू कर दी है. इस जांच में मदद आर्थिक अपराध इकाई(EOU) और आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) भी कर रहा है. पुलिस का दावा है कि किसी शरारती तत्व का यह कारनामा है. बता दें कि अलकायदा ग्रुप ने इ-मेल achw700@gmail.com आइडी से मेल कर बम से उड़ाने की धमकी दी थी. यह इ-मेल सीएमओ के सरकारी मेल आइडी पर 16 जुलाई को आया था.
गुगल से भी मांगा गया है डिटेल…
सीएमओ को उड़ाने की धमकी मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सचिवालय थानेदार संजीव कुमार के बयान पर केस दर्ज किया गया था. सूत्रों के अनुसार मामले की जांच कर रही एजेंसी ने गुगल को पत्राचार करके डिटेल मांगा है. जांच के बाद दो अगस्त को सचिवालय थाना में अज्ञात के खिलाफ बीएनएस 2023 की धारा 351 (4), (3) और 66 (एफ) आइटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया.
पहले भी कई जगहों को उड़ाने की मिली है धमकी
गौरतलब है कि VVIP जगहों को उड़ाने की इस तरह की धमकी पहले भी मिलती रही है. पटना समेत देशभर के दर्जन भर एयरपोर्ट पर बम से हमला करके उड़ाने की धमकी भरा मेल सीआइएसएफ को मिला था. वहीं पटना राजभवन कार्यालय समेत देश के कई महत्वपूर्ण जगहों को उड़ाने की भी धमकी मिल चुकी है. पटना हाईकोर्ट को भी बम से उड़ाने की धमकी किसी ने इमेल से भेजी थी जबकि पटना जंक्शन पर भी बम से हमले की धमकी पूर्व में मिल चुकी है. इन तमाम जगहों पर हमले की धमकी की जब जांच की गयी तो इसकी वास्तविकता बिल्कुल अलग ही मिली है.