Bihar News: थल-नभ के बाद मद्य निषेध विभाग की जल में भी उतरने की तैयारी, हर दिन छह घंटे की जायेगी गश्ती
बिहार में अब जलमार्ग से होने वाली तस्करी को रोकने व दियारे में छापेमारी को आसान बनाने के लिए विभाग चार हेवी मोटरबोट खरीदने या किराये पर लेने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए निविदा जारी कर दी गयी है.
पटना. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग शराब के धंधेबाजों को चौतरफा घेरने की तैयारी में जुटा है. विभाग पहले ही एंटी लीकर टास्क फोर्स के जरिये सड़क मार्ग और ड्रोन के सहारे आसमान (नभ) से उन पर नजर रख रहा है. अब जलमार्ग से होने वाली तस्करी को रोकने व दियारे में छापेमारी को आसान बनाने के लिए विभाग चार हेवी मोटरबोट खरीदने या किराये पर लेने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए निविदा जारी कर दी गयी है. 15 फरवरी को प्री-बिड कॉन्फ्रेंस के बाद 23 फरवरी को निविदा खोली जायेगी.
हर दिन पांच से छह घंटे की जायेगी गश्ती
खरीदे जाने वाले हेवी मोटरबोट से चार जिलों पटना, बक्सर, छपरा और वैशाली की नदियों में छापेमारी की जायेगी. फिलहाल इन नदियों के सहारे बड़ी मात्रा में आसपास के राज्यों से विदेशी शराब लाने की सूचना मिल रही है. साथ ही दियारा इलाके में बनने वाली देशी शराब की सप्लाइ भी इस रास्ते होती है. इस्तेमाल होने वाली मोटरबोट 75 हॉर्स पावर फोर स्ट्रोक क्षमता व इलेक्ट्रिक स्टार्ट से लैस होगी. इसकी अधिकतम स्पीड 20 नॉट रहेगी. मोटरबोट में 15 से 16 लोगों के बैठने की क्षमता होगी, ताकि पूरी क्षमता के साथ छापेमारी हो सके. हर दिन पांच से छह घंटे की गश्ती को लेकर कार्ययोजना बनायी जा रही है.
सर्च-नेविगेशन लाइट से होगी लैस ड्रोन लैंडिंग की भी सुविधा
जानकारी के मुताबिक मोटरबोट सर्चलाइट और नेविगेशन लाइट से लैस होगी. इससे देर शाम या रात के समय में भी गश्ती में आसानी होगी. मोटरबोट में ड्रोन लैंडिंग की सुविधा भी रहेगी, ताकि नदी में गश्ती के दौरान भी उसका इस्तेमाल करते हुए आसपास के इलाकों पर ऊपर से नजर रखी जा सके. आवश्यकता के अनुसार सिंगल या डबल इंजन के मोटरबोट को लिया जायेगा.
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शराब लदे वाहनों को पकड़ने के लिए घूमेगी चलंत ट्रक स्कैनिंग मशीन
राज्य के एकीकृत पोस्टों पर दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों की जांच अब चलंत ट्रक स्कैनिंग मशीन से होगी. चलंत ट्रक स्कैनिंग मशीन की खरीदारी के लिए विभाग ने प्रक्रिया शुरु कर दी है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग ने वाहनों की जांच के लिए पांच चलंत ट्रक स्कैनिंग मशीन लगाने जा रहा है. एक ट्रक स्कैनिंग मशीन को खरीदने पर करीब 20 करोड़ का खर्च आयेगा. पांचों मशीन पर सरकार करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस मशीन का विभाग और पुलिस की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग जिलों के महत्वपूर्ण सड़कों पर जरूरत के हिसाब से स्टेशन किया जायेगा.