चार शहरों में स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्ट मार्च तक होंगे पूरे : नितिन
नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि सूबे के चयनित चार शहरों पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर एवं बिहारशरीफ में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का 80 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है.
संवाददाता, पटना नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि सूबे के चयनित चार शहरों पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर एवं बिहारशरीफ में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का 80 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है. इसके तहत स्वीकृत 129 परियोजनाओं में 74 का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 55 परियोजनाओं का काम प्रगति पर है. शेष परियोजनाएं मार्च 2025 तक पूरी कर ली जायेंगी. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन और विभागीय सचिव अभय कुमार सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी. नगर विकास सचिव ने बताया कि सूबे के 121 नगर निकायों में सम्राट अशोक भवन निर्माण की योजना स्वीकृत हुई है. मोक्षधाम योजना के तहत दिसंबर 2024 तक 39 शहरों के घाटों पर शवदाह गृह निर्माण की योजना पूरी होगी. पटना को छोड़ कर 37 नगर निकायों में 50-50 बेड के वृद्ध आश्रय स्थल के संचालन को लेकर 19.67 करोड़ की राशि आवंटित की गयी है. राज्य के सभी नगर निकायों में अगले चार से छह महीने के अंदर ठोस कचरा प्रबंधन की योजनाएं प्रारंभ हो जायेंगी. एकीकृत ठोस कचरा प्रबंधन के तहत कचरे का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन व निबटारा करने को लेकर निकाय वार योजनाएं चयनित कर ली गयी हैं. 261 शहरी निकाय में से बड़े 161 नगर निकायों को 24 क्लस्टर में बांटा गया है. हर क्लस्टर से जुड़े नगर निकाय में ठोस कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी संबंधित नोडल निकाय की होगी. शेष 100 नगर निकायों में चयनित योजनाओं का प्रबंधन स्थानीय स्तर पर किया जायेगा. सचिव ने बताया कि योजनाओं को लागू किये जाने को लेकर सभी निकायों को गाइडलाइन तैयार कर भेज दी गयी है. फिलहाल निविदा-बिड आदि प्रक्रिया चल रही है. वर्क अवार्ड होते ही काम शुरू हो जायेगा. नगर विकास मंत्री ने बताया कि सूखे व गीले कचरे को मशीन के माध्यम से प्रसंस्करण एवं निष्पादन को लेकर पटना में 100 टीडीपी क्षमता का बायोगैस और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया जायेगा. पटना क्लस्टर के लिए कचरे से बिजली पैदा करने का 15 मेगावाट का ऊर्जा संयंत्र लगाये जाने की भी योजना है. अन्य निकायों में सैनिटरी लैंडफिल और कंपोस्ट एवं मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट लगाना जाना प्रस्तावित है. उपयोग किये गये जल के प्रबंधन को लेकर एसटीपी सह फेकल स्लज प्लांट लगाये जायेंगे. उन्होंने बताया कि निकायों में मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) और रिफ्यूज्ड डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) तकनीक से सूखा कचरे का प्रबंधन होगा. गीले कचरे के प्रबंधन को लेकर बायो मिथेनेशन और कंपोस्ट प्लांट लगाये जायेंगे. निस्तारण के बाद बचे अनुपयोगी और गैर रसायनिक कचरे का इस्तेमाल लैंडफिल के लिए किया जायेगा. श्री नवीन ने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन में कचरे का वर्गीकरण सबसे महत्वपूर्ण तत्व है. इसके लिए अभियान भी प्रारंभ किया गया है.
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