राजदेव पांडेय, पटना: पीएचडी थीसिस ऑनलाइन करने में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय टॉप-10 में शामिल हो गया है. बिहार का यह इकलौता विश्वविद्यालय है, जो टॉप-10 में है. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय 15 जनवरी तक 9194 पीएचडी थीसिस यूजीसी के पोर्टल शोध गंगा पर अपलोड कर 7वें स्थान पर है. पहले स्थान पर यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास है, जिसने अब तक 13655 पीएचडी थीसिस ऑनलाइन कर दी है.
देश के अभी तक सभी विश्वविद्यालयों ने कुल मिला कर 4.21 लाख पीएचडी थीसिस शोध गंगा पर ऑनलाइन की है. बीआरए विश्वविद्यालय ने 9194 पीएचडी थीसिस में आर्ट की 6307 पीएचडी कला क्षेत्र की है. शेष 2887 पीएचडी थीसिस साइंस की है. भाषा के हिसाब से अपलोड की गयी थीसिस का विश्लेषण करें, तो सर्वाधिक 65% थीसिस अंग्रेजी में, हिंदी में 3105, उर्दू में 25, संस्कृत में 15 और बंगाली में 3 थीसिस अपलोड है. यह सभी थीसिस शोधार्थियों की अपनी मौलिक है. इसके कंटेंट किसी दूसरी थीसिस से चुराये हुए नहीं हैं.
बिहार विश्वविद्यालय ने अभी 1974 से 2017 तक की पीएचडी ऑनलाइन की है. इसमें 1974 से 1999 तक की 3480 और 2000 से 2017 तक 5697 पीएचडी थीसिस हैं. बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के अकादमिक ऑफिसर गौरव सिक्का ने बताया कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्येक शुक्रवार को इसकी खुद समीक्षा करते हैं. बिहार विश्वविद्यालय की भांति बिहार के दूसरे विश्वविद्यालयों को इसमें पीएचडी दिखानी होगी. उच्च शिक्षा में सकारात्मक छवि-टॉप टेन में आने से बिहार की उच्च शिक्षा की छवि में सुधार होगा. यूजीसी शोध को बढ़ावा देने आगे आयेगा. रिसर्च रैंकिंग में आने से बेहतर शोध प्रस्ताव भी मिलने की संभावनाएं बनती हैं.
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विश्वविद्यालय- पीएचडी थीसिस
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यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास- 13655
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अन्ना यूनिवर्सिटी – 12912
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यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता- 12870
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सावित्रीबाइ फुले पुणे यूनिवर्सिटी – 12035
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छत्रपति साहूजी महाराज यूनिवर्सिटी -10009
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी – 9334
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बीआरए बिहार विवि – 9194
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वीबीएस पूर्वांचल यूनिवर्सिटी- 8555
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पंजाब यूनिवर्सिटी – 8375
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आंध्र यूनिवर्सिटी – 7679
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि यूजीसी/इन्फ्लिबनेट के सहयोग से इ-लायब्रेरी को आगे बढ़ाया जा रहा है. इसमें शोध गंगा सहित आठ तरह की सेवाएं ली जा रही हैं. शोध गंगा में थीसिस अपलोड करने में हमारे विश्वविद्यालयों ने गंभीरता दिखायी है. इससे राष्ट्रीय स्तर पर हमारी उच्च शिक्षा को पहचान मिलेगी. विभाग लगातार मॉनीटरिंग कर रहा है. उच्च शिक्षा में विश्वविद्यालयों को तमाम तरह के तकनीकी सहयोग देने के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है.