Bihar Land Survey: बिहार में 20 अगस्त से जारी भूमि सर्वेक्षण के कारण कई जगहों पर लोगों को परेशानी हो रही है. विपक्षी पार्टियां इसे घोटाला बता रही है. नेता विपक्ष तेजस्वी यादव कार्यकर्त्ता संवाद यात्रा के दौरान रोज इस मामले को लेकर एनडीए सरकार पर हमला बोल रहे हैं. जब से भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हुआ है तभी से कुछ लोगों के मन में संशय है तो कई लोगों के पास जमीन के कागजात ही नहीं हैं.अब इस मसले को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव ने बड़ा बयान दिया है. सचिव जय सिंह ने कहा, ‘जो लोग भ्रम फैला रहे हैं उनकी रुचि निजी जमीन को लेकर हो सकती है. जमीनों के मामलों में उन्होंने अपनी दुकान खोल रखी हो या वह चाहते हों कि रिकॉर्ड वैसे ही अस्पष्ट रहे. क्योंकि जहां भी जमीन में अस्पष्टता रहेगी वहां लोग इसका लाभ उठाने की कोशिश करते हैं. यहीं से जमीन विवाद खड़ा होता है.’
जय सिंह ने लोगों से की अपील
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोगों को किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है. सरकार जमीन मालिकों के सभी हितों का ख्याल रख रही है. लोग इसे सकारात्मक रूप में देखें और सर्खक्षण की प्रक्रिया में आगे आकर भाग लें. उन्होंने बताया कि सरकार राज्य में किसी की जमीन लेने नहीं जा रही है.सर्वेक्षण का मकसद मात्र दस्तावेज का सृजन करना है. इससे दो कागज बनते हैं. एक खतियान और एक नक्शा. जय सिंह ने बताया कि इस आधार पर हम तत्काल किसी को उसकी जमीन से बेदखल नहीं करने जा रहे हैं. जमीन से बेदखल करने का तरीका अलग होता है. फ़िलहाल जो सर्वेक्षण चल रहा है उसका इससे कोई लेना देना नहीं है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव ने कहा कि लोग इसलिए संशय में हैं कि उनके पास भूमि के पर्याप्त कागजात नहीं हैं. लेकिन इससे घबराने की जरुरत नहीं है. बिना डरे सर्वे की प्रक्रिया में भाग ले. जय सिंह ने कहा कि अभी सर्वेक्षण की प्रक्रिया में तीन बार सुनवाई होनी है. अगर शुरुआती दौर में कोई दिक्कत होती भी है, आपके पास कागजात की कमी है या गलती से आपकी जमीन पर किसी दूसरे ने दावा कर दिया है तो ये सारी चीजें इसमें ही खुल जाएंगी.
घबराना नहीं है…
जय सिंह ने यह भी कहा कि अभी सर्वेक्षण का जो काम चल रहा है अगर आप उससे से संतुष्ट नहीं हैं तो आप आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. फिर उसकी सुनवाई होगी. इस सर्वेक्षण में कई तरीके की सुनवाई के अवसर मिलेंगे. ऐसे में अगर आपके पास कागजात नहीं है तो भी बिल्कुल घबराना नहीं है. बिहार सरकार किसी की जमीन नहीं लेने जा रही है. इस सर्वे का मकसद किसी की जमीन हड़पना नहीं बल्कि कागज अपडेट करना है.