पटना / सहरसा. एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी के लिए 12 अगस्त को पटना लाये गये पूर्व सांसद आनंद मोहन पेशी के बाद सहरसा जेल लाैटने की जगह पाटलिपुत्र स्थित अपने आवास पहुंच गये. यहां उन्होंने परिवार और समर्थकों के साथ बैठक की. इस बैठक का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने इसे गंभीरता से लेते हुए सहरसा की एसपी लिपि सिंह से पूछा है कि जिला बल साथ था तो वह घर कैसे पहुंच गये? हालांकि सहरसा जेल प्रशासन ने खुद को इससे अनभिज्ञ बताया है.
इधर, पेशी के लिए ले जाने स्काॅर्ट दल को निलंबित कर दिया है. एसपी लिपि सिंह ने बताया कि एक एएसआइ, एक बीएमपी, चार सहायक आरक्षी और एक सह चालक को निलंबित कर दिया गया है. एसपी ने बताया कि इसमें जेल प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है. इसकी जांच होगी. जिलाधिकारी भी इस मामले को लेकर गंभीर हैं.
गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में आजीवन कैद की सजा काट रहे आनंद मोहन को सहरसा जेल सेपटना एमपी- एमएलए कोर्ट में लाया गया था. जो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है, उसमें उनके पुत्र व राजद िवधायक चेतन आनंद, पत्नी लवली आनंद आदि लोग नजर आ रहे हैं. प्रभात खबर वायरल फोटो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
आनंद मोहन के बेटे राजद विधायक चेतन आनंद ने कहा कि दीघा होकर लौटने के क्रम में आनंद मोहन के सिर में दर्द होने लगा. वह चांद मेमोरियल अस्पताल में जांच करानेपहुंचे. इस अस्पताल के दूसरी तरफ आवास है, जहां कुछ लोग खड़े थे. उन्हें देख कर वह इधर चले आये. इसे बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा है. बैठक करने की बात पूरी तरह बेबुनियाद है.