आंध्र प्रदेश के एलुरू जिले में केमिकल फैक्ट्री में हुए बलास्ट में नालंदा के जिन चार लोगों की मौत हुई है, उनमें से दो लोग 15 दिन पहले ही वहां काम करने गये थे. मरने वालों में चंडी थाने के अब्दुलाचक गांव के दो मजदूर कारू रविदास, सुभाष रविदास और हरनौत थाने के रामसंग गांव के मनोज कुमार और वसनिमा गांव के अवधेश रविदास शामिल हैं.
सुभाष और कारू चचेरे भाई थे. ये दोनों 15 दिन पहले गांव के ही अन्य लोगों के साथ केमिकल फैक्टरी में काम करने के लिए आंध्र प्रदेश गये थे. हालांकि, चारों मजदूर उस फैक्टरी में पिछले 10 वर्षों से काम कर रहे थे. पिछले साल नवंबर में छठ पूजा के अवसर पर सभी अपने गांव आये थे. इनमें से दो लोग काफी पहले हैदराबाद चले गये थे. इस हादसे में हरनौत थाने के वसनिमा गांव का रवि रविदास घायल है.
इस घटना से अब्दुलाचक और हरनौत थाने के वसनिमा गांव में कोहराम मचा हुआ है. मृतकों के परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है. गुरुवार की सुबह जैसे ही चारों की मौत की जानकारी मिली तो दोनों गांव के लोग सन्न रह गये. घटना की जानकारी मिलते ही चंडी की सीओ कुमारी आंचल अब्दुलाचक पहुंचीं और मृतक के परिवार से मुलाकात की. इधर, डीएम शशांक शुभंकर ने भी मृतकों के परिजनों से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि मृत मजदूरों के शवों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों हादसों पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने बिहार के मृत श्रमिकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने स्थानिक आयुक्त, नयी दिल्ली को निर्देश दिया कि आंध्र व यूपी सरकार से समन्वय कर घायलों के इलाज तथा मृतकों के शव बिहार लाने की समुचित व्यवस्था करें. वहीं, श्रम संसाधन विभाग भी सभी छह मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये देगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan